पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को बताया 'लाडला मुख्यमंत्री', लेकिन जदयू का अरमान भी तोड़ा

Update: 2025-02-24 11:33 GMT

जनता दल यूनाईटेड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागलपुर दौरे के लिए भारतीय जनता पार्टी से कम ताकत नहीं झोंकी थी, लेकिन पार्टी को जिसका इंतजार था- नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के अंत में चुनाव का नाम लिए बगैर आगे भी जन-समर्थन मांगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कुछ संकेतों में भी नहीं कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर के मंच से संबोधन की शुरुआत में जब मंचासीन नेताओं का नाम लेना शुरू किया तो नीतीश कुमार को लेकर 'हमारे लाडले मुख्यमंत्री' कहा, लेकिन जदयू की उम्मीद इस बार भी अधूरी रह गई। एक बड़े मंच से पीएम मोदी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को चेहरा बता सकते थे, लेकिन नहीं बताया।


 तो, यह भी एक कारण हो सकता है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम की कई बार सराहना की। उनके मुख्यमंत्री बनने के पहले क्या होता था, यह भी बताया। सुशासन के पहले कुशासन और जंगलराज तक की बात की। जनता दल यूनाईटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के केंद्रीय मंत्री के रूप में कामकाज की भी सराहना की। लेकिन, जिस बात का जदयू को बेसब्री से इंतजार था, वही नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बिहार चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का चेहरा होंगे, इस घोषणा का इंतजार हो रहा था। यह इंतजार अंतिम समय तक धरा रह गया, लेकिन पीएम मोदी ने यह एलान नहीं किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मंच पर राज्यपाल की उपस्थिति एक कारण हो सकता है, हालांकि इस एक घोषणा के नहीं होने से बिहार में असमंजस की स्थिति बनी रहेगी- यह तय है।

शाह से असमंजस की शुरुआत, अब भी वही हाल

सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी ने एक साथ काम करने की बातें दुहराईं, लेकिन बिहार की राजनीतिक असमंजस को खत्म करने का प्रयास नहीं किया गया। इस असमंजस की शुरुआत महाराष्ट्र में बहुमत के बाद भाजपा का चेहरा बदलने के बाद से हुई थी। बार-बार यह बात हवा में उड़ने लग रही है कि भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा कुछ खेल कर सकती है। इस असमंजस की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चुप रहने के बाद से हुई थी, जब उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब नहीं दिया था। उसके बाद से बार-बार विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल सीएम नीतीश कुमार के साथ महाराष्ट्र जैसा धोखा होने की बात उठा रहे हैं। मीडिया का एक वर्ग (अमर उजाला नहीं) नीतीश कुमार के तीसरी बार पलटने की खबरें चलाता रहा है। ऐसी बातें वीडियो के रूप में भी वायरल होती रही हैं। ऐसा कुछ होने की संभावना नहीं दिख रही है और इसकी वजह 'अमर उजाला' सामने ला चुका है। जदयू नेताओं का मानना था कि सभी असमंजस भागलपुर में पीएम के भाषण के बाद खत्म हो जाएंगे, लेकिन नीतीश कुमार को अगले चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने की बात नहीं कहकर कुछ अधूरा छोड़ ही दिया।

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