कोसीकलां। नगर में मुस्लिम समुदाय की पंचायत ने शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सख्त निर्णय लिया है। पंचायत ने फरमान जारी करते हुए शादियों में डीजे बजाने, आतिशबाजी करने और सलामी उपहार की रस्म पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही यह भी तय किया गया है कि अब निकाह मैरिज होम में नहीं, बल्कि मस्जिद में ही पढ़ा जाएगा।
यह पंचायत शुक्रवार शाम मुस्लिम बहुल देहली गेट स्थित सराय निकासा में आयोजित की गई। बैठक में समाज के पंचों और गणमान्य लोगों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। पंचायत में लियाकत अली, हाजी साकिब, आस मोहम्मद, हाजी सादिक, मेहराज, वली मोहम्मद, जिब्रान हुसैन एडवोकेट, हाजी अजीज, सुलतान अहमद, इस्लाम ठेकेदार, इदरीश मेंबर, रहीश कुरैशी और हाजी यासीन शामिल रहे।
पंचायत के फैसले के अनुसार अब कोसीकलां से जाने वाली और बाहर से आने वाली किसी भी बरात में डीजे साउंड नहीं बजेगा और न ही आतिशबाजी की अनुमति होगी। दूल्हे के लिए होने वाली सलामी उपहार की रस्म को भी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। हालांकि बरात की दावत और अन्य व्यवस्थाएं मैरिज होम, होटल या गेस्ट हाउस में की जा सकेंगी।
पंचायत ने साफ किया है कि इन नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। जो भी व्यक्ति फैसले का उल्लंघन करेगा, उसका निकाह कोई भी मौलाना नहीं पढ़ाएगा। इसके साथ ही संबंधित व्यक्ति पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। पंचायत का कहना है कि इन फैसलों का उद्देश्य समाज में सादगी को बढ़ावा देना और गैर जरूरी खर्चों व दिखावे पर रोक लगाना है।