खराब सड़कों के लिए अब ठेकेदारों पर होगी बड़ी कार्रवाई, देनी होगी 10 साल की गारंटी

Update: 2024-10-28 09:00 GMT

नई दिल्ली । देश में भारी बारिश से खराब हुई सड़कों के कारण आलोचना झेल रही केंद्र सरकार अब अच्छी सड़कों के लिए दोहरा एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। सरकार एक तरफ नियमों में सुधार कर ठेकेदारों की जवाबदेही बढ़ाएगी वहीं इंजीनियरिंग की खामियां छोड़ने वाले और खराब सड़कें बनाने वालों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जाएगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि हाईवे और अन्य सड़कों को दुरुस्त रखने (गारंटी पीरियड) की ठेकेदार की जिम्मेदारी पांच साल से बढ़ा कर 10 साल की जा रही है। साथ ही खराब सड़कें बनाने वाले ठेकेदारों या फर्मों की सूची तैयार की जा रही ताकि उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सके।

पैसा सरकार का, खराब सड़क बना ठेकेदार मुक्त

दरअसल देश में सड़क निर्माण परियोजनाएं अलग-अलग तरीके से चलती हैं। सबसे प्रचलित तरीका ईपीसी है यानी इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण। ऐसी परियोजना में सरकार पैसा लगाती है और ठेकेदार इंजीनियरिंग, सामग्री खरीद और निर्माण करवाता है। इन परियोजनाओं में ठेकेदारों के लिए किसी प्रकार की कमी या खराबी को ठीक करने गारंटी केवल पांच साल रहती है। उसके बाद रखरखाव और मरम्मत का जिम्मा सरकार के पास आ जाता है। सरकारी सिस्टम में ज्यादातर सड़कें ईपीसी के आधार पर ही बनाई जाती है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने माना है कि ईपीसी की सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। अब सरकार गारंटी अवधि बढ़ाकर दोगुनी, यानी 10 साल करेगी तो ठेकेदार को उच्च गुणवत्ता की सड़क बनानी होगी।


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