शेयर बाजार में बड़ी गिरावट 40 लाख करोड़ रुपये डूबे

By :  prem kumar
Update: 2024-10-26 12:14 GMT

कुछ दिन पहले तक लोग यह पूछते थे कि कितना मुनाफा हुआ? लेकिन अब सवाल बदल गया है, कितना नुकसान हुआ? शेयर बाजार में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार गिरावट के चलते निवेशकों का पैसा डूब रहा है। सालों के इंतजार के बाद कई निवेशकों का पोर्टफोलियो आखिरकार हरे रंग में था, लेकिन अब एक ही महीने में यह लाल हो चुका है। ज्यादातर रिटेल निवेशक कह रहे हैं कि पिछले सालभर में जो भी कमाई हुई थी, वह कुछ दिनों की गिरावट में खत्म हो गई। कोविड के बाद इस तरह की भारी गिरावट पहली बार देखने को मिल रही है। 

निवेशकों में बढ़ी हलचल 

इस समय सबसे ज्यादा हलचल रिटेल निवेशकों (Retail Investor) के बीच है। यह हमारी बात नहीं, बल्कि डेटा खुद गवाही दे रहा है। पिछले एक महीने के आंकड़े बताते हैं कि बाजार बेहद खराब दौर से गुजर रहा है। हर सुबह निवेशकों को उम्मीद होती है कि अब बाजार में तेजी आएगी, लेकिन हर दिन बिकवाली का दबाव बढ़ता जा रहा है और निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूबती जा रही है। ऐसे में निवेशकों का कहना है कि दिवाली से पहले मां लक्ष्मी शेयर बाजार से इतनी नाराज क्यों हो गई हैं।  

पिछले एक महीने में कई चुनिंदा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 50% तक की भारी गिरावट देखने को मिली है। इंडेक्स की बात करें तो सेंसेक्स अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 6,500 अंक और निफ्टी करीब 2,100 अंक नीचे आ चुका है। निफ्टी में 8% से अधिक और सेंसेक्स में भी 8% की गिरावट दर्ज की गई है। सेक्टर्स में, डिफेंस इंडेक्स अपने शिखर से 26% तक गिर चुका है। वहीं, ऑटो सेक्टर में 14% और कैपिटल गुड्स में 13.5% की गिरावट आई है। बीते एक महीने में इस तेज बिकवाली ने निवेशकों को झकझोर कर रख दिया है। इस बिकवाली के कारण एक महीने में निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।

मुनाफावसूली एक बड़ा कारण  

अब सवाल उठता है कि आखिर बाजार में इतनी गिरावट क्यों आ रही है, और यह कहां जाकर समर्थन ले सकता है। हाल की बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली हो रही है, जिसके चलते निवेशकों को फिलहाल काफी सावधानी से निवेश करना चाहिए। 

  प्रमुख कारण यह हैं  

विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में तेजी से बिकवाली कर रहे हैं। वे भारत जैसे उभरते हुए बाजारों से पैसा निकालकर चीन में निवेश कर रहे हैं, जहां फिलहाल मूल्यांकन भारतीय बाजार की तुलना में सस्ता है। केवल अक्टूबर महीने में ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार Stock Market Crash से 1.08 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। कई प्रमुख कंपनियों की दूसरी तिमाही के कमजोर परिणाम भी शेयरों की कीमतों पर असर डाल रहे हैं, जिससे बाजार का सेंटीमेंट लगातार बिगड़ता जा रहा है। खासकर ऑटो सेक्टर, एफएमसीजी, और कुछ टेक कंपनियों के कमजोर नतीजों ने बाजार को गहरा झटका दिया है।

सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी देखी गई 

सरकारी कंपनियों के शेयर, रेलवे के शेयर, नई तकनीकी कंपनियों के शेयर, और सरकारी बैंकों के शेयरों में काफी तेजी देखी गई थी, जो उनके वास्तविक ग्रोथ से मेल नहीं खाती। मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में भी कुछ शेयर अत्यधिक बढ़ गए थे, जो अब मुनाफावसूली के चलते भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं। महंगे मूल्यांकन वाले इन शेयरों में बिकवाली का दबाव बना हुआ है और कई शेयर अपने उच्चतम स्तर से 50 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। इस प्रकार, बाजार में वर्तमान अस्थिरता के चलते निवेशकों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

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