आरक्षण पर 50% की सीमा हटा देंगे', महाराष्ट्र चुनाव से पहले राहुल गांधी ने फिर दोहराया बड़ा वादा

By :  vijay
Update: 2024-11-18 09:26 GMT

महाराष्ट्र में दो दिन बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है। इस चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों से आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा हटाने और देश में जाति जनगणना कराने का वादा किया। उन्होंने जाति जनगणना को सबसे बड़ा मुद्दा बताया। इसके साथ ही उन्होंने 20 नवंबर के विधानसभा चुनाव को विचारधाराओं की लड़ाई बताया। कांग्रेस नेता ने बताया कि फॉक्सकॉन और एयरबस समेत सात लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित कर दी गईं, जिससे राज्य के युवाओं को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।


जाति जनगणना को बताया बड़ा मुद्दा

विधानसभा चुनाव से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, "हमारे सामने जाति जनगणना एक बड़ा मुद्दा है और हम इसे कराएंगे। यह हमारा केंद्रीय स्तंभ है।" उन्होंने आगे कहा, "राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार जनता के हितों की रक्षा करेगी।" भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा, "मुंबई में धारावी पुनर्विकास योजना में एक व्यक्ति की मदद करने के लिए पूरी राजनीतिक मशीनरी को झोंक दिया गया।"


भाजपा पर लगाए आरोप

राहुल गांधी ने भाजपा के एक है तो सेफ है नारे का मजाक उड़ाया। उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र के लोगों के ऊपर उद्योगपति गौतम अदाणी के हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी और गौतम अदाणी का एक पोस्टर निकाला और कहा, "जब तक वे एक साथ हैं तब तक वे सुरक्षित हैं।" एक दूसरे पोस्टर में उन्होंने अदाणी समूह की धारावी पुनर्विकास परियोजना का मैप दिखाते हुए कहा कि यह मुंबई की संपत्ति का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा, "धारावी पुनर्विकास अनुचित है। यह केवल एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। हमें इसका अंदाजा नहीं कि टेंडर कैसे दिए जा रहे हैं। केवल एक ही व्यक्ति को देश के सभी बंदरगाह, एयरपोर्ट और पैसे दिए जा रहे हैं।"


महाराष्ट्र में दो दिन बाद विधानसभा चुनाव

बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से मिलकर बनी महायुति सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इसे सत्ता से बेदखल करने के प्रयास में है।

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