पोर्क समेत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क घटा सकता है भारत, ट्रंप की चेतावनी के बाद सरकार की तैयारी

By :  vijay
Update: 2024-12-20 06:33 GMT

अमेरिका की तरफ से आपूर्ति की जाने वाली कुछ वस्तुओं पर भारत आयात शुल्क (टैरिफ) कम करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें हार्ले डेविडसन समेत अन्य लग्जरी बाइक, पोर्क (सुअर का मांस), उच्च चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। भारत ने यह फैसला पिछले दिनों ट्रंप की उस चेतावनी के बाद लिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय उत्पादों पर 100 फीसदी शुल्क लगाने की बात कही थी। भारत के इस कदम से दोनों देशों के बीच व्यावसायिक रिश्ते और मजबूत होंगे।

भारत न सिर्फ उत्पादों पर आयात शुल्क घटाएगा बल्कि अमेरिकी कंपनियों से अधिक एलएनजी और रक्षा उपकरण खरीदने की योजना भी बना रहा है। इन उत्पादों पर 25 से 60 फीसदी तक टैरिफ लगता है। एजेंसी

चीन पर उच्च टैरिफ भारत के लिए अवसर

भारत ट्रंप के चीन से आयातित सामानों पर 60 फीसदी तक टैरिफ लगाने की योजना का लाभ उठाते हुए खुद को एक वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में पेश कर रहा है। सरकार के सलाहकार और थिंक-टैंक नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा कि यह एक अवसर है।

इससे वैश्विक कंपनियों को भारत में स्थानांतरित करने में मदद मिल सकती है। भारत ट्रंप के मेक इन अमेरिका प्रोग्राम को समर्थन देते हुए अमेरिकी कंपनियों को बुलाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, भारत विमान रखरखाव, इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में और निवेश की योजना बना रहा है।

 अमेरिकी राजदूत ने भारत के साथ कम टैरिफ, निष्पक्ष और समान व्यापार का आह्वान किया

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच टैरिफ कम करने और व्यापार बढ़ाने तथा इसे अधिक निष्पक्ष और समान बनाए जाने की जरूरत है। यूएस - इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएस आईबीसी) के एक कार्यक्रम में गार्सेटी ने कहा, दोनों देशों को मिलकर टैरिफ कम करने की जरूरत है, न कि उन्हें बढ़ाने की। हमें मिलकर व्यापार बढ़ाने के साथ-साथ इसे अधिक निष्पक्ष और समान बनाने की जरूरत भी है। बकौल अमेरिकी राजदूत, 'हमें अपने ट्रेडमार्क और अपनी बौद्धिक संपदा की रक्षा करनी है, भारत की प्रतिभा और कार्यबल असाधारण है। महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए, हमें विश्वास और पारदर्शिता के पारस्परिक मार्ग पर प्रतिबद्ध रहना चाहिए।'

निवेश के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़े

अमेरिका में भारत की बढ़ती भूमिका पर गार्सेटी ने कहा, भारतीय निवेश अमेरिकियों के लिए भी रोजगार पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने पिछले साल अकेले सेलेक्टयूएसए निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका में 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे और निवेश हासिल किए। अमेरिकी निवेश भारतीयों के लिए रोजगार पैदा करते हैं - यह आज भारत में सबसे सकारात्मक चीजों में से एक है। अमेरिकी राजदूत ने निवेश का ब्यौरा साझा करते हुए कहा, टेक्सास में स्टील, उत्तरी कैरोलिना में इलेक्ट्रोलाइज़र, ओहियो में बंद हो चुके स्टील प्लांट को दोबारा शुरू करने के लिए निवेश और मिनेसोटा की खदानों में निवेश किया गया। इसके अलावा न्यू जर्सी में सर्विस सेक्टर और बायोटेक की कई इकाईयों में निवेश हुआ। कैलिफ़ोर्निया में कृषि और खाद्य उत्पादों से लेकर AI और क्वांटम में उच्च तकनीक नवाचारों जैसे विकल्पों में निवेश किया जा रहा है।

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