1962 भारत-चीन युद्ध नायकों के साहस और बलिदान को किया याद, अर्पित की श्रद्धांजलि

By :  vijay
Update: 2024-11-17 17:46 GMT

भारतीय सेना के गजराज कोर ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के जसवंतगढ़, में 17 नवंबर 1962 नूरांग की लड़ाई के दौरान चार गढ़वाल राइफल्स द्वारा किए गए साहसिक बलिदान की याद में 'नूरांग दिवस-2024' का आयोजन किया। इस अवसर पर महावीर चक्र राइफलमैन जसवंत सिंह रावत और उनके साथियों की बहादुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने भारत-चीन युद्ध के दौरान अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया था।


रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने गुवाहाटी में बताया कि सुबह जसवंतगढ़ युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। स्थानीय लोगों, नागरिक अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, छात्रों और पर्यटकों के साथ-साथ राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के परिजनों ने भी वीर सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित की। जांग की अतिरिक्त जिला आयुक्त, हकऱासो क्री ने भी देश के लिए सर्वोच्च बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रावत ने बताया कि आज नए स्मृति स्थल का उद्घाटन किया गया। इसमें राष्ट्रीय नायकों की वीरता का सम्मान करने वाले वस्त्र, चित्र और प्रदर्शनी प्रदर्शित की गईं।

नूरांग की लड़ाई का जीवंत चित्रण किया गया। इससे भारतीय सैनिकों की अडिग भावना और संघर्ष को जीवित किया गया। इस दौरान सरकारी उच्च और प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और सेला ब्रिगेड के योद्धाओं द्वारा भांगड़ा और गतका का शानदार प्रदर्शन किया गया। रावत ने बताया कि नूरांग दिवस से पहले भी सेना ब्रिगेड के योद्धाओं ने समुदाय केंद्रित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।


sइसमें नौ नवंबर को पूर्व सैनिक और गांव बुरहा में बैठक हुई। इसमें पूर्व सैनिकों की समस्याओं पर चर्चा की गई और उनके योगदान को सम्मानित किया गया। इसके अलावा 11 नवंबर को स्थानीय स्कूलों में चित्रकला और व्याख्यान प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के युवाओं की रचनात्मकता और देशभक्ति को उजागर किया गया। वहीं 14 नवंबर को नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में 76 से अधिक नागरिकों को नेत्र, दंत, और सामान्य स्वास्थ्य जांच सेवाएं प्रदान की गईं।

रावत ने बताया कि इसी तरह से 16 नवंबर को अरुणाचल बुलेट क्लब के 13 सवारों द्वारा 400 किमी की यात्रा की गई। जिन्होंने गजराज कोर के तहत कामेंग क्षेत्र की युद्ध यात्रा की और युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित की। सवारों ने न्यूकमदुंग, जसवंतगढ़ युद्ध स्मारक, मागो और चुमी ग्यतसे (होलिवॉटर फॉल्स) का दौरा किया।

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