पहली बार उद्यमी बनने वाले पांच लाख को दो करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकेगा', पीएम मोदी बोले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उद्योग जगत से कहा कि वे मात्र मूकदर्शक न बनें और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करके दुनिया की बढ़ती जरूरतों का लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने बजट के बाद नियामकीय, निवेश और कारोबार सुगमता सुधारों पर आयोजित वेबिनार में कहा, 'आज भारत स्थिर नीतियां और बेहतर कारोबारी माहौल प्रदान कर रहा है। मैं आपसे देश के विनिर्माण और निर्यात को आगे बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाने का आग्रह करता हूं।' पीएम मोदी ने कहा कि उद्योग को अनुसंधान एवं विकास का उपयोग करके ऐसे अभिनव उत्पादों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए जिनकी विदेशों में मांग है और इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, 'आज दुनिया को एक भरोसेमंद साझेदार की जरूरत है... उद्योग को महज दर्शक नहीं रहना चाहिए, बल्कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अवसर तलाशने चाहिए।' उन्होंने कहा कि आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि इंजन बन गया है... देश ने कठिन समय में भी अपनी लचीलापन साबित किया है।
'एमएसएमई को कम लागत पर ऋण देने के लिए नए तरीके विकसित करने की जरूरत'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश भर में छह करोड़ से अधिक एमएसएमई को समय पर और कम लागत वाले ऋण तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ऋण वितरण के नए तरीके विकसित करने की आवश्यकता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए बजट के बाद आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार उद्यमी बनने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
वेबिनार के बारे में जानिए
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, वेबिनार एमएसएमई को विकास का इंजन, निर्माण, निर्यात एवं परमाणु ऊर्जा मिशन और नियामक सुधार, निवेश व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस विषयों पर केंद्रित रहा। पीएम मोदी ने इन कार्यक्रमों में उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
पीएमओ ने बताया कि वेबिनार का मकसद सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं और व्यापार विशेषज्ञों के लिए भारत की औद्योगिक, व्यापारिक और ऊर्जा रणनीतियों पर चर्चा का मंच प्रदान करना था। इनमें बजट में घोषित योजनाओं के क्रियान्वयन, निवेश सुविधा और तकनीकी अपनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। साथ ही, निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बजट के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की दिशा में रणनीति तैयार की गई। इन चर्चाओं का उद्देश्य बजट के परिवर्तनकारी प्रावधानों को धरातल पर उतारने के लिए हितधारकों के बीच समन्वय बढ़ाना है। यह पहल देश में नीतिगत सुधारों और आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।