IAF ने पाकिस्तान की चीनी वायु रक्षा प्रणालियों को किया जाम

पहलगाम आतंकी हमले में 26 सैलानियों की क्रूरता के साथ की हत्या के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर में सैन्य ताकत के साथ प्रौद्योगिकी श्रेष्ठता की धमक देखने को मिली। सैन्य रूप से शक्तिशाली भारत का प्रत्यक्ष सामना करने का साहस नहीं रखने वाली पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के जरिये निहत्थे और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया था। चीन और तुर्किये से अनुदान में मिले हथियारों के बल पर पाकिस्तान को यह गुमान भी था कि भारत शायद उससे सीधा उलझने से बचेगा और सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कोई कार्रवाई नहीं करेगा। लेकिन भारत ने पाकिस्तान को चीन से मिले रक्षा वायु प्रणालियों को जाम करते हुए 23 मिनट के सफल मिशन में उसके आतंकियों के अड्डों को जमींदोज कर दिया।
भारतीय सशस्त्र बलों ने नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना पाकिस्तान में खुलेआम संचालित हो रहे आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे पर प्रहार किया और कई खतरों को खत्म कर दिया। भारत ने सटीकता के साथ आक्रामक कार्रवाई की और पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस- नूर खान और रहीमयार खान को निशाना बनाया। इसके लिए विनाशकारी प्रभाव वाले घूमते हुए हथियारों, जिन्हें आत्मघाती ड्रोन या कामिकेज ड्रोन कहा जाता है, का इस्तेमाल किया। इन हथियारों से दुश्मन के रडार और मिसाइल प्रणाली सहित उन्नत तकनीकी वाले लक्ष्यों को ढूंढ़कर नष्ट कर दिया।
प्रणालियों का प्रदर्शन: तैयारी व समन्वय
12 मई को प्रेस वार्ता में सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर में विरासत और आधुनिक प्रणालियों के मिश्रण के उत्कृष्ट प्रदर्शन को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों पर सटीक हमले सीमा को पार किए बिना किए गए थे, इसलिए यह अनुमान लगाया गया था कि पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई करेगा। सेना और वायु सेना ने इसका सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली थी। सीमा पार से आने वाले खतरे से निपटने के लिए चार स्तरीय तैयारी की गई, जिसमें ड्रोन रोधी प्रणाली, कंधे से दागे जाने वाले हथियार और आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली शामिल थी। 9-10 मई की रात को जब पाकिस्तान की तरफ से हमले किए गए तब दुनिया के सामने इन प्रणालियों की श्रेष्ठता साबित हुई।
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली की श्रेष्ठता
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय रक्षा प्रणालियों की ओर से दुश्मन के प्रौद्योगिकियों को बेअसर करने के ठोस प्रमाण भी पेश किए। पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत पर हमले करने की कोशिश की। चीन और तुर्किये से मिले हथियारों का प्रयोग कर अवंतीपुरा, श्रीनगर, अमृतसर, भुज समेत उत्तरी और पश्चिमी भारत में सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाना चाहा। लेकिन भारत की मजबूत वायु रक्षा प्रणाली ने सीमा पार से आए हर खतरे को आसमान में ही तिनके की तरफ बिखेर दिया। चीनी मूल के पीएल-15 मिसाइलों के टुकड़े मिले। तुर्किये निर्मित मानव रहित विमान (यूएवी) जिन्हें यिहा या यीहाव नाम दिया गया था, इनके टुकड़े भी पाए गए। इसके अलावा लंबी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और ड्रोन भी पाए गए। इन सभी को भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने आसमान में ही नष्ट कर दिया था।
इसरो का महत्वपूर्ण योगदान
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी अहम योगदान दिया। 11 मई को इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा था कि रणनीतिक उद्देश्य से कम से कम 10 उपग्रह चौबीसों घंटे काम कर रहे थे। मंत्रालय ने कहा था कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र को अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी और 7,000 किमी समुद्री तट क्षेत्रों व पूरे उत्तरी भाग की लगातार निगरानी करनी होगी।
भारत ने ड्रोन-साइबर हमलों और अफवाहों का दिया मुंहतोड़ जवाब
भारत ने चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान हवाई हमलों के साथ-साथ साइबर हमलों का भी बखूबी जवाब दिया। भारतीय सेना ने जहां पाकिस्तानी ड्रोनों को ध्वस्त किया, वहीं साइबर योद्धाओं ने जमीन पर अफवाहों और फर्जी सूचनाओं को बेनकाब किया। असल में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये छह-सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, उससे कहीं पहले से ही भारतीय वेबसाइटों को साइबर हमले का निशाना बनाया गया।
सूत्रों के अुनसार पहलगाम में नरसंहार के कुछ दिनों बाद जालंधर स्थित आर्मी नर्सिंघ कॉलेज की वेबसाइट को हैक कर कई भड़काऊ संदेश प्रसारित किए गए। इसके अलावा हाल में हैकरों ने नगरोटा और संजवान में कम से कम चार आर्मी पब्लिक स्कूलों को निशाना बनाया। इसके अलावा अप्रैल के अंत में कई वेबसाइटों को हैक कर फर्जी सूचना प्रसारित करने का प्रयास किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसमें हैकरों ने और तेजी लाने का प्रयास किया।
आठ मई को रात 8 बजे कई पाकिस्तानी मानवरहित हवाई प्रणालियों, ड्रोनों, लड़ाकू वाहनों ने भारत के कई वायु सैनिक ठिकानों पर हमला किया। लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया और जमीन पर इसका कोई नुकसान नहीं हुआ। बाद में वायु संचालन महानिदेशक, एयर मार्शल ए के भारती ने संवाददाता सम्मलेन कर उसका विस्तृत ब्योरा भी दिया। दोनों देशों में जबर्दस्त संघर्ष के दौरान जब भारत की दमदार वायु रक्षा प्रणाली ने श्रीनगर से सर क्रीक तक भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले ड्रोनों के झुंड को बेअसर किया और उन्हें मार गिराया।