रिश्तों में कांटा बन गया है तिब्बत से जुड़ा मुद्दा', जयशंकर की यात्रा से पहले चीन के बिगड़े बोल

By :  vijay
Update: 2025-07-13 18:36 GMT
रिश्तों में कांटा बन गया है तिब्बत से जुड़ा मुद्दा, जयशंकर की यात्रा से पहले चीन के बिगड़े बोल
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भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चीन यात्रा से ठीक पहले, चीनी दूतावास ने तिब्बत से जुड़े मुद्दों को भारत-चीन संबंधों में कांटा बताया है और कहा है कि यह भारत के लिए एक बोझ बन गया है। जयशंकर 14 और 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने चीन जा रहे हैं। यह उनकी चीन की पहली यात्रा है जब से 2020 में लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव पैदा हुआ था।

चीन ने क्या कहा?

बीजिंग में भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों की तरफ दिए गए बयानों पर आपत्ति जताते हुए, चीन के दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि कुछ भारतीय विशेषज्ञों ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर अनुचित बयान दिए हैं, जो भारत सरकार के सार्वजनिक रुख के खिलाफ हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'उन्हें यह समझना चाहिए कि तिब्बत से जुड़े मुद्दे चीन की आंतरिक बातें हैं और इसमें बाहरी दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन का आंतरिक मामला है।'

दलाई लामा पर विवाद क्यों?

हाल ही में दलाई लामा ने कहा था कि उनके भविष्य के पुनर्जन्म की पहचान का अधिकार केवल तिब्बती बौद्धों की एक विश्वसनीय संस्था के पास होगा। इस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि दलाई लामा का पुनर्जन्म चीनी सरकार की अनुमति से ही होगा। चीन तिब्बत को शीजांग कहता है और वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानता है।

तिब्बत पर चीन का सख्त संदेश

चीन की प्रवक्ता ने कहा, 'तिब्बत (शीजांग) मुद्दा भारत-चीन संबंधों में एक कांटा है और यह भारत के लिए बोझ बन चुका है। अगर भारत तिब्बत कार्ड खेलता है तो वह खुद को ही नुकसान पहुंचाएगा।'

SCO की बैठक में जयशंकर की भागीदारी

जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के कुछ विवादित इलाकों से सैनिकों को हटाने के बाद रिश्ते सुधारने की कोशिशें शुरू की हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी होने की संभावना है। पिछले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चीन के शहर किंगदाओ में एससीओ की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी दो बार चीन का दौरा कर चुके हैं।

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