वक्फ बिल आने के बाद वक्फ संपत्तियों से हटेंगे कब्जे, कब्रिस्तानों पर बने सरकारी दफ्तरों पर चलेंगे बुलडोजर

Update: 2025-04-08 07:04 GMT
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भोपाल । नए वक्फ बिल के बाद राजधानी में जल्द ही वक्फ की जमीनों पर कब्जे हटाने शुरू होगें। वक्फ रेकॉर्ड के अनुसार सबसे ज्यादा कब्जे कब्रिस्तानों पर हैं। करीब 100 कब्रिस्तान खत्म हो चुके हैं। इनमें कहीं बस्तियां हैं तो कहीं काम्पलेक्स तो सरकारी दफ्तर भी काबिज हैं।

बोर्ड के रेकॉर्ड में राजधानी में 7700 वक्फ सम्पत्तियां हैं इसमें 135 कब्रिस्तान हैं। लेकिन इनमें से 30 ही बचे हैं। कब्रिस्तानों के संरक्षण के लिए काम कर रहे जमीयत के सचिव इमरान हारून के मुताबिक वर्तमान में भोपाल टॉकीज चौराहा, पुराना आरटीओ ऑफिस, नरेला संकरी, कोलार, जहांगीराबाद सहित कई इलाकों में कब्रिस्तानों के नामोनिशान भी नहीं बचा। पीएचक्यू के पास सरकारी दफ्तर के पीछे कब्रों के निशान अब भी हैं।

वक्फ बोर्ड ने जिला प्रशासन को 7700 संपत्तियों की जानकारी दी है। राजस्व रेकॉर्ड अपडेट किया जा रहा है। इसके आधार पर बोर्ड का रिकॉर्ड भी अपडेट होगा। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सनवर पटेल के मुताबिक प्रशासन को सभी की जानकारी दी चुकी है।

इमरान हारून ने बताया कि शहर में करीब 70 प्रतिशत कब्रिस्तान खत्म हो गए हैं। कब्रिस्तान पर बस्तियां बस गई हैं तो कहीं लोगों ने अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है। नए बिल से निजी कब्जों पर तो कार्रवाई संभव है सरकारी के लिए क्या होगा कुछ पता नहीं। उसके बदले बोर्ड क्या सरकार से जमीन लेेगी।

मुस्लिम महासभा के मुन्नवर अली ने बताया कि ये भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। बीते साल ही शहर के कब्रिस्तानों में दफनाने के लिए जगह की कमी की बात सामने आई। निजी कब्जेधारियों पर तो कार्रवाई हुई लेकिन जिन जमीनों पर सरकार का कब्जा है उनके बदले क्या होगा। कब्रिस्तान के बदले जमीन मिलनी चाहिए।

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