नितिन गडकरी बोले- मेरे पास है टोयोटा मिराई, हाइड्रोजन से चलने वाला भविष्य का वाहन
नई दिल्ली | दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार वैकल्पिक ईंधन को तेजी से बढ़ावा दे रही है, और इसी दिशा में उन्होंने खुद टोयोटा की हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार Mirai (मिराई) का उपयोग शुरू कर दिया है।
गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, "भविष्य का ईंधन हाइड्रोजन है... मेरे पास एक कार भी है, जो हाइड्रोजन है, और कार टोयोटा की है... यह मर्सिडीज जैसा ही आराम देती है। कार का नाम मिराई है, जो एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है भविष्य।"
हाइड्रोजन: भविष्य का ईंधन
गडकरी ने कहा कि हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह न केवल प्रदूषण रहित है, बल्कि भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा। फॉसिल फ्यूल के अत्यधिक आयात पर चिंता जताते हुए उन्होंने बताया कि देश को हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये की लागत सिर्फ आयातित ईंधन पर लगती है, जो प्रदूषण को भी बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा, “प्रदूषण की वजह से आप सभी समस्या झेल रहे हैं, मैं भी दिल्ली में यही स्थिति देख रहा हूं। लेकिन वैकल्पिक ईंधन अपनाने के साथ भारत जल्द ही ऊर्जा का निर्यातक देश बन जाएगा।”
ईंधन आयात पर भारी निर्भरता
2024-25 में भारत ने लगभग 300 मिलियन मीट्रिक टन कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद आयात किए, जबकि करीब 65 मिलियन मीट्रिक टन का निर्यात किया। वर्तमान में देश अपनी 88 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरत और 51 प्रतिशत गैस की जरूरत आयात करके पूरी करता है।
गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी नीतियों को प्रोत्साहित कर रही है जो वैकल्पिक और बायोफ्यूल के उपयोग को बढ़ावा दें, ताकि देश लागत-कुशल, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी ईंधन की ओर बढ़ सके।
भारत की ऑटो इंडस्ट्री ने जापान को पीछे छोड़ा
गडकरी ने बताया कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे यह जापान को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो मार्केट बन गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका पहले स्थान पर है (79 लाख करोड़ रुपये), जबकि चीन दूसरे स्थान पर (49 लाख करोड़ रुपये) है।
गडकरी ने विश्वास जताया कि इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन के बढ़ते उपयोग के साथ भारत जल्द ही दुनिया की नंबर एक ऑटो इंडस्ट्री बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए सरकार इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी और बायोफ्यूल को तेजी से बढ़ावा दे रही है, और इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग प्रणाली पर भी शोध जारी है।
