अब बिना NRC आवेदन रसीद नंबर के नहीं बनेगा आधार कार्ड, सरकार ने लिया फैसला

By :  vijay
Update: 2024-09-07 18:52 GMT

 असम में अब नए आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों को अब अपने एनआरसी आवेदन की रसीद संख्या (एआरएन) जमा करनी होगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या आबादी से अधिक है। इसका मतलब है कि कुछ नागरिक संदिग्ध हो सकते हैं। इसलिए, हमने फैसला लिया है कि नए आवेदकों को अपने एनआरसी आवेदन की रसीद संख्या देनी होगी।" उन्होंने कहा कि इससे अवैध विदेशी नागरिकों की घुसपैठ रुक जाएगी और राज्य सरकार आधार कार्ड जारी करते समय बहुत सख्ती बरतेगी। उन्होंने कहा, असम में आधार कार्ड हासिल करना आसान नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा, एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान जिन 9.55 लाख लोगों की बायोमेट्रिक जानकारी दर्ज हो गई है, उनके लिए एनआरसी आवेदन रसीद संख्या की जरूरत नहीं होगी और वे अपना आधार कार्ड प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, चाय बागान वाले जिन क्षेत्रों में बायोमेट्रिक मशीनों की कमी के कारण कई लोगों को आधार कार्ड नहीं मिला है, यह नियम वहां लागू नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि चार जिलों बारपेटा, धुबरी, मोरीगांव और नागांव में आधार कार्ड के लिए आवेदन की संख्या वहां की अनुमानित आबादी से ज्यादा है।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया है कि वे यह तय करें कि किसी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी किया जा सकता है या नहीं। असम में नए आवेदकों को आधार कार्ड तभी जारी किया जा जाएगा जब जिले के आयुक्त से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र सभी पहलुओं की गहन जांच के बाद जारी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान की प्रक्रिया तेज करेगी। पिछले दो महीनों में कई बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया और उन्हें पड़ोसी देश के अधिकारियों के हवाले किया गया। इसके अलावा, सीमा पर निगरानी को और मजबूत किया जाएगा, ताकि अवैध लोगों को सीमा पार करने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, सीमा सुरक्षा बल और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा।

अब ऊपरी असम के नौ जिलों के लोगों को नहीं जाना पड़ेगा दिसपुर

इससे पहले मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को डिब्रूगढ़ शहर में मुख्यमंत्री कार्यालय का उद्घाटन किया था, जो राज्य की राजधानी डिसपुर के बाहर का पहला ऐसा सुविधा केंद्र है। सूत्रों के अनुसार, नए कार्यालय में अपनी पहली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनी। मुख्यमंत्री सरमा ने एक्स पर लिखा था, आज मुझे माननीय केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मेरे अन्य सहयोगियों के साथ मिलब्रूगढ़ में मुख्यमंत्री कार्यालय को उद्घाटन करने का अवसर मिला। यह कार्यालय सिर्फ एक भवन नहीं है, बल्कि यह कर डिहमारे निरंतर प्रयासों को दर्शाता है जो शासन को लोगों के करीब लाने के लिए हैं।

ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले पर कराएंगे सीबीआई जांच

अवैध ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले पर सरमा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करेगी। घोटाले के संबंध में अब तक 59 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 22 लुक-आउट सर्कुलर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 14 एसआईटी गठित की गई हैं। खबरों के अनुसार, असम में सेबी या आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए कई ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनियां संचालित हो रही हैं। इनसे निवेशकों को काफी नुकसान पहुंचा है। इन फर्मों में शामिल कई व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कई अन्य अभी भी काम कर रही हैं।

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