खरगे के एक शब्द पर संसद में तनातनी; राज्यसभा में जमकर हंगामा, भाजपा ने की माफी की मांग

By :  vijay
Update: 2025-03-11 12:36 GMT

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान मंगलवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उपसभापति हरिवंश को कुछ ऐसा कह दिया, जिसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसके लिए भाजपा ने उन पर जमकर निशाना साधा और माफी की मांग की। मामला बढ़ता देख मल्लिकार्जुन खरगे ने माफी भी मांग ली। उन्होंने हाथ जोड़कर सफाई दी। उन्होंने आसन को संबोधित करते हुए कहा कि आपको नहीं, सरकार को ठोकेंगे। हम सरकार की बात कर रहे थे।

क्या है मामला?

दरअसल, राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष कुछ बोलना चाह रहे थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोका। उपसभापति ने उनकी जगह कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने को कहा। इस बीच मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और बोलना शुरू कर दिया। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने तानाशाही का आरोप लगा दिया। उन्होंने सीधे आसन की ओर इशारा करते हुए कहा कि तानाशाही चल रही है। मैं बोलना चाहता हूं। इसकी तैयारी भी की है और आपको क्या-क्या ठोकना है, ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आप सत्ता पक्ष से बहस करिए। इस बीच हंगामा शुरू हो गया। इस बीच खरगे ने यूटर्न लेते हुए कहा कि सरकार को ठोकेंगे। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने खरगे के बयान को सदन का अपमान करार दिया।

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जेपी नड्डा ने सुनाई खरीखोटी

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने मामले में खरगे को खूब खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि बहुत ही दुख की बात है कि विपक्ष के नेता ने ऐसी भाषा इस्तेमाल की। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आसन के लिए किया। वह अनुभवी हैं और लंबे समय तक संसदीय सदस्य के रूप में काम किया। उन्होंने राज्य में भी काम किया है और राष्ट्रीय राजनीति में भी काम किया है। उन्होंने जिस भाषा का उपयोग किया है, वह सदन का अपमान है, आसन का अपमान है। यह निंदनीय है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। आसन के लिए इस्तेमाल शब्द माफी योग्य नहीं है। यह अस्वीकार्य है। फिर भी कांग्रेस नेता को माफी मांगनी चाहिए। अपने शब्दों को वापस लेना चाहिए। इसे कार्यवाही से हटा देना चाहिए।

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