रिश्तों का टूटता तानाबाना:: सात बच्चों की मां का भांजे संग फरार होना सामाजिक मूल्यों पर सवाल

Update: 2025-08-27 03:21 GMT




आज के दौर में, जब रिश्तों की नींव विश्वास और जिम्मेदारी पर टिकी होती है, उत्तर प्रदेश के रायबरेली से आई एक खबर ने सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख दिया है। सात बच्चों की मां लालती, अपने 22 वर्षीय भांजे उदयराज के साथ न केवल फरार हो गई, बल्कि अपने पति राजकुमार से तीन लाख रुपये और जेवरात भी ले गई। यह घटना न सिर्फ एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि यह समाज में रिश्तों के प्रति बदलते नजरिए और नैतिकता के क्षरण को उजागर करती है।bharatsamachartv.inchetnamanch.com

घटना का विवरण: प्रेम या बगावत?

रायबरेली के महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के अचली गांव के निवासी राजकुमार दिल्ली में एक फार्महाउस पर माली का काम करते हैं। उन्होंने अपनी पत्नी लालती को 2 अगस्त 2025 को गांव में निर्माणाधीन मकान की छत डलवाने के लिए तीन लाख रुपये देकर भेजा था। लेकिन लालती न तो गांव पहुंची और न ही निर्माण कार्य शुरू हुआ। जब राजकुमार ने तहकीकात की, तो पता चला कि लालती बाराबंकी के हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के देवैचा गांव में अपने भांजे उदयराज के साथ रह रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि लालती ने उदयराज के साथ कोर्ट मैरिज कर ली और अपने सात बच्चों की जिम्मेदारी से भी मुंह मोड़ लिया।navbharattimes.indiatimes.comyoutube.com

राजकुमार ने रिश्तेदारों के साथ लालती को मनाने की कोशिश की, लेकिन उसने साफ कह दिया कि अब वह उदयराज के साथ ही रहेगी और बच्चों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। हताश राजकुमार ने अपने सात बच्चों के साथ कोतवाली में शिकायत दर्ज की, लेकिन पुलिस का कहना है कि दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं, इसलिए कानूनी कार्रवाई की गुंजाइश कम है।youtube.com

सामाजिक ताने-बाने पर चोट

यह मामला केवल एक प्रेम प्रसंग या पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं है। यह समाज में रिश्तों के प्रति बढ़ती उदासीनता और पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। सात बच्चों की मां का अपने भांजे के साथ फरार होना और बच्चों को छोड़ देना न केवल नैतिकता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि व्यक्तिगत इच्छाएं अब पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों पर भारी पड़ रही हैं।

आज के समय में, जहां लोग आधुनिकता और स्वतंत्रता के नाम पर अपनी इच्छाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, रिश्तों में विश्वास की कमी साफ दिखाई दे रही है। लालती का अपने बच्चों और पति को छोड़कर भांजे के साथ नया जीवन शुरू करना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या रिश्तों की पवित्रता अब केवल किताबों तक सीमित रह गई है? यह घटना उन बच्चों के भविष्य पर भी सवाल उठाती है, जो मां के इस फैसले के बाद भावनात्मक और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।chetnamanch.com

क्या कहता है समाज?

ऐसे मामले समाज में गहरी चिंता पैदा करते हैं। रिश्तों में बढ़ती स्वार्थपरता और जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने की प्रवृत्ति न केवल परिवारों को तोड़ रही है, बल्कि सामाजिक ढांचे को भी कमजोर कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को केवल प्रेम प्रसंग के चश्मे से देखना ठीक नहीं है। इसके पीछे सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक कारणों की गहरी पड़ताल जरूरी है।chetnamanch.com

पुलिस और कानून भले ही इस मामले में सीमित कार्रवाई कर पाए, लेकिन यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि रिश्तों में विश्वास और जिम्मेदारी को फिर से मजबूत करने की जरूरत है। राजकुमार और उसके सात बच्चों का भविष्य अब अनिश्चितता के भंवर में है, और यह कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है।

नैतिकता के पतन का प्रतीक

 यह घटना न केवल रायबरेली के छोटे से गांव की कहानी है, बल्कि यह आधुनिक समाज में रिश्तों के बदलते स्वरूप और नैतिकता के पतन का प्रतीक है। जब एक मां अपने सात बच्चों को छोड़कर अपनी निजी इच्छाओं को प्राथमिकता देती है, तो यह सवाल उठता है कि क्या रिश्तों पर अब भरोसा बचा है? समाज को इस तरह के मामलों से सबक लेते हुए परिवार और जिम्मेदारियों के महत्व को फिर से स्थापित करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक मजबूत सामाजिक ताना-बाना मिल सके।

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