अमेरिका-चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा देख रही दुनिया'; सऊदी अरब सहित तीन देशों के दौरे पर जाएंगे जयशंकर

By :  vijay
Update: 2024-09-07 15:00 GMT

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि दुनिया अमेरिका औऱ चीन के बीच कई क्षेत्रों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ खास एजेंडा पर काम करने के लिए तैयार है और क्वाड इसका एक उदाहरण हैं।

एफपीसीआई ग्लोबल टाउन हॉल में एक ऑनलाइन संबोधन के दौरान जयशंकर ने प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया जटिल और मुश्किल नजर आती हो, इसकी स्थिरता सुनिश्चित करने और इसकी समृद्धि में योगदान देने की भारत की इच्छा और दृढ़ संकल्प केलव मजबूत हो रहा है।


क्वाड में चार देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण गठबंधन एक स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कई बड़ी शक्तियां अब कम सक्रिय हैं और नई शक्तियां भी अपने कदम बढ़ाने में हिचकिचा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार क्षेत्रीय शक्तियों को अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही ढूंढना पड़ता है। इसके साथ ही अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।

उन्होंने कहा कि अगर हम तकनीकी प्रगति जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, अंतरिक्ष या ड्रोन को ध्यान में रखें, तो यह शक्ति संतुलन को और भी ज्यादा प्रभावित कर सकती है। जिससे वैश्विक परिदृश्य और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा,असल में यह ऐसी चुनौती है जिसका हम सामना कर रहे हैं। विदेश मेंत्री ने बताया कि ऐसी स्थिति में भारत जसे देश क्या कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत पहले अपनी राष्ट्रीय क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, ताकि दुनिया को अधिक योगदान मिल सके। हमने हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान टीके के उत्पादन क्षमता के मामले में यह देखा है। जयशंकर ने कहा, अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने या जरूरतमंद लोगों को खाद्य आपूर्ति करने, वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु से जुडी घटनाओं और युद्धों से सुरक्षित करने के लिए हमें अधिक मजबूत, भरोसे मंदर और अतिरिक्त आपूर्ति श्रृंखलाएं बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका मतलब वैश्विक साझेदारों के साथ अधिक प्रभावी तरीके से काम करना और एक ऐसा माहौल बनाना है, जहा व्यापार करना आसान हो।

कल सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे जयशंकर

इस बीच, विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि विदेश मंत्री जयशंकर 8-9 सितंबर 2024 को सऊदी अरब के रियाद के दौरे पर जाएंगे, जहां वह पहले भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इस दौरे के दौरान वह जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर रविवार यानी कल से सऊदी अरब, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के छह दिवसीय दौरे के लिए रवाना होंगे। इस दौरे का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय व वैश्विक चुनौतियों पर विचार करना है। विदेश मंत्री ने आज यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर पहले सऊदी अरब की राजधानी रियाद की यात्रा करेंगे, जहां वे दो दिनों तक रहेंगे और पहले भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। जीसीसी में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का जीसीसी देशों के साथ कुल 184.46 अरब डॉलर का व्यापार था। रियाद में जयशंकर कई जीसीसीस सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

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