तमन्ना भाटिया से ईडी ने की पूछताछ, मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभिनेत्री से सवाल-जवाब
ईडी आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने गुरुवार को 'एचपीजेड टोकन' मोबाइल ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में अभिनेत्री तमन्ना भाटिया से पूछताछ की। इस ऐप में बिटकॉइन और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी के माइनिंग के बहाने कई निवेशकों को कथित तौर पर ठगा गया था।
'तमन्ना भाटिया के खिलाफ कोई अपराधात्मक नहीं'
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अभिनेत्री का बयान यहां उसके क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया। सूत्रों ने बताया कि ऐप कंपनी के एक कार्यक्रम में सेलिब्रिटी के तौर पर शामिल होने के लिए भाटिया को कुछ धनराशि मिली थी और उनके खिलाफ कोई अपराधात्मक आरोप नहीं था।
पहले समन पर नहीं पहुंची थी तमन्ना भाटिया
उन्होंने बताया कि उन्हें पहले भी बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने काम के कारण समन टाल दिया और गुरुवार को पेश होने का फैसला किया। मार्च में इस मामले में ईडी की तरफ से दायर आरोपपत्र में कुल 299 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है, जिनमें 76 चीनी नियंत्रित संस्थाएं शामिल हैं, जिनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं, जबकि दो संस्थाएं अन्य विदेशी नागरिकों की तरफ से नियंत्रित हैं।
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला?
धन शोधन का मामला कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध इकाई की एक प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें कई आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरफ से भारी भरकम रिटर्न का वादा करके भोले-भाले निवेशकों को ठगने का आरोप लगाया गया है।
इस तरीके से की गई थी धोखाधड़ी
पुलिस ने कहा कि निवेशकों को धोखा देने के लिए आरोपियों की तरफ से 'एचपीजेड टोकन' मोबाइल फोन एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया गया था। एजेंसी ने कहा कि अपराध की आय को स्तरित करने के उद्देश्य से डमी निदेशकों वाली कई शेल कंपनियों की तरफ से बैंक खाते और मर्चेंट आईडी खोले गए थे।
ईडी की छापेमारी में 455 करोड़ रुपये की राशि जब्त
यह दावा किया गया कि ये धन अवैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी और बिटकॉइन खनन के लिए निवेश के लिए धोखाधड़ी से हासिल किए गए थे। ईडी ने कहा कि 57,000 रुपये के निवेश के लिए तीन महीने तक प्रतिदिन 4,000 रुपये का रिटर्न देने का वादा किया गया था, लेकिन पैसे का भुगतान केवल एक बार किया गया और उसके बाद आरोपियों ने निवेशकों से नए फंड की मांग की। ईडी ने कहा कि इस मामले में देश भर में छापेमारी की गई, जिसके बाद 455 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और जमा राशि जब्त की गई।