प्रदूषण नर्वस सिस्टम पर डालता है बुरा असर, हो सकती है सिरदर्द की शिकायत

By :  vijay
Update: 2024-10-31 19:24 GMT

वायु प्रदूषण दुनिया भर के महानगरों में एक बेहद ही खतरनाक समस्या बनकर उभर रहा है. प्रदूषण आपके स्वास्थ्य पर बेहद ही नकारात्मक प्रभाव डालता है. प्रदूषण से जहां आपको तुरंत कुछ गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परिणाम दिखाई दे सकते हैं वही इससे लॉन्ग टर्म भी प्रभाव देखा जा सकता है. इसके कारण न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग, स्ट्रोक, ऑटिज्म, अवसाद और विकास संबंधी देरी जैसे घातक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. लेकिन बढ़ता प्रदूषण फिलहाल तो तुरंत असर दिखा रहा है उसमें सिरदर्द, विशेष रूप से माइग्रेन की समस्या हो रही है.

इस समय वातावरण में कई खतरनाक केमिकल, गैस और कण मौजूद है जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं.

पार्टिकुलेट मैटर– हवा में मौजूद ठोस या तरल पदार्थों के छोटे कण, जिनमें धूल, गंदगी, कालिख और धुआं शामिल हैं, ये सांस के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर हानिकारक साबित होते हैं.

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड– यह एक लाल-भूरे रंग की गैस है जो विशेष रूप से वाहनों और बिजली संयंत्रों में ईंधन जलाने से उत्पन्न होती है, जो फेफड़ों में जलन पैदा कर सकती है और सांस संबंधी परेशानी को बढ़ाती है.

सल्फर डाइऑक्साइड– सल्फर डाइऑक्साइड एक विशिष्ट गंध वाली रंगहीन गैस है, जिसकी तुलना अक्सर सड़े हुए अंडों की गंध से की जाती है. इसका उत्पादन तब होता है जब सल्फर युक्त जीवाश्म ईंधन को जलाया जाता है. सल्फर डाइऑक्साइड के साँस लेने से श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर

वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर आप किसी भी असामान्य लक्षण को पहचानकर उसका बुरा असर अपनी सेहत पर देख सकते हैं.

– सिर दर्द

– खांसी

– घरघराहट

– सांस लेने में कठिनाई

– सीने में जकड़न

– चक्कर आना

– थकान

– आंखों, नाक या गले में जलन

वायु प्रदूषण से कैसे बचें

– इस समय प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर है इसलिए बाहर जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें. जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलें. बाहर निकलते समय मॉस्क जरूर लगाएं.

– घर की खिड़कियां बंद रखें और बाहर की जहरीली हवा को अंदर न आने दें.

– सिरदर्द के लिए आप कोई हल्की दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.

– ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं और शरीर को हाइड्रेटिड रखें.

– आप सिरदर्द को कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी से सिकाई भी कर सकते हैं.

– समस्या बढ़ने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

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