विटामिन सी की कमी को ऐसे पहचानें, खाना शुरू कर दें ये चीजें

By :  vijay
Update: 2024-11-12 18:47 GMT

विटामिन सी एक ऐसा न्यूट्रिएंट्स है जो आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. यह न सिर्फ सेहतमंद रहने के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी एक जरूरी विटामिन है. शरीर में दांत, मसूड़ों, रक्त वाहिकाओं को हेल्दी रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है. ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी सहायक होता है. विटामिन सी की कमी होने पर त्वचा का ग्लो खोने लगता है और रूखापन दिखाई देने लगता है. इसकी कमी से प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण जैसे झुर्रियां आना भी दिखाई देते हैं. इसके अलावा बार-बार बीमार हो जाना, स्किन पर पिग्मेंटेशन होना, बालों का कॉर्कस्क्रू की तरह मुड़ जाना और पतला होना, थकान, कमजोरी, घाव न भर पना, जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं.

शरीर में अगर विटामिन सी की कमी के लक्षण दिखाई दे रहे हो तो अपनी डाइट में सुधार करना चाहिए. कंफर्म करने के लिए आप न्यूट्रिशन का टेस्ट भी करवा सकते हैं, क्योंकि अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो स्कर्वी रोग हो जाता है, जिसमें चेहरा पीला पड़ना (खून की कमी), शरीर पर चकत्ते, दांतों का हिलना, खून आना जैसे लक्षण दिखते हैं, तो चलिए जान लेते हैं कि किन चीजों का सेवन करना चाहिए.

ये हरी सब्जियां खाएं

विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए डेली रूटीन में शिमला मिर्च, ब्रोकोली (हरी फूल गोभी), पालक, सरसों का साग, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, हरी मिर्च आदि को शामिल करना चाहिए. आप सब्जियों को मसाले में बनाने की बजाय जूस पी सकते हैं या फिर सूप बनाकर पीना ज्यादा फायदेमंद रहता है. कम फैट वाला डिप्स में साल्सा की तरह भी सब्जियों को खाया जा सकता है.

ये खट्टे फल हैं विटामिन सी का बढ़िया सोर्स

विटामिन सी से भरपूर फलों की बात करें तो ज्यादातर खट्टे फल खाना चाहिए. इसमें संतरा, कीवी, नींबू, अंगूर, आंवला को अपनी डाइट में शामिल करें. इन फलों को सुबह या फिर शाम में खाने की बजाय दिन के टाइम में खाना ज्यादा बेहतर रहता है, क्योंकि तासीर ठंडी होने और अम्लीय होने की वजह से अगर आप इनका सेवन सुबह या फिर शाम को करते हैं तो इससे एसिडिटी महसूस हो सकती है.

डॉक्टर से करें बात

विटामिन सी की कमी हो गई है और अगर आप गंभीर लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, ताकि आपको एक सही डाइट की जानकारी मिल सके और सप्लीमेंट्स की जरूरत हो तो वह भी एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक लिया जा सके. डॉ की सलाह लेना इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि कुछ लोगों में ऐसी मेडिकल कंडीशन होती हैं कि वह डाइट में खुद से बदलाव नहीं कर सकते हैं.

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