क्या इस बार भी देरी से निकलेगा चांद, जानें कब रखा जाएगा व्रत?

By :  vijay
Update: 2024-09-27 18:54 GMT

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान से उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. करवा चौथ के दिन भगवान गणपति जी और करवा चौथ माता की विशेष विधि-विधान से पूजा की जाती है.

 क्या होता है करवा चौथ पूजा में

इस दिन शुभ मुहूर्त में सभी सुहागिन महिलाएं पूजा के साथ करवा चौथ की कथा सुनती हैं. फिर रात में चांद निकलने के बाद श्रद्धापूर्वक चांद की पूजा करती हैं. इस व्रत को कई जगहों पर करक चतुर्दशी भी कहा जाता है. करवा या करक मिट्टी के बर्तन को कहते हैं, जिसके माध्यम से चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है, जिसे अर्घ (अर्घ) कहते हैं. करवा पूजा के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान के रूप में भी दिया जाता है.


दक्षिण भारतीय राज्यों की तुलना में करवा चौथ उत्तर भारतीय राज्यों में अधिक लोकप्रिय है. करवा चौथ के चार दिन बाद, पुत्रों की भलाई के लिए अहोई अष्टमी व्रत मनाया जाता है. आइए, जानते हैं इस साल करवा चौथ का व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और चांद कब निकलेगा?

करवा चौथ व्रत 2024 कब है? 

इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा. चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे शुरू होगी और अगले दिन, सोमवार 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे समाप्न होगा.


करवा पूजन विधि

बताएं आपको कि करवा चौथ की पूजा छलनी से चांद को देखकर की जाती है. इस दिन चांद की पूजा के बाद उन्हें अर्घ्य देना होता है. चांद को अर्घ्य देते समय विशेष मंत्र का जाप करना अवश्य होता है. इसके बाद छलनी पर दीपक रखकर चांद को देखना चाहिए, फिर चांद को देखते हुए चंद्रदेव से अपने पति की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करना चाहिए. अंत में इसी छलनी से अपने पति को देखें.

करवा चौथ पर छननी के प्रयोग का महत्व

एक पैराणिक कथा के अनुसार पतिव्रता वीरवती के सात भाई थे. जब वीरवती का विवाह हुआ तो उसने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा. चूंकि उसने व्रत निर्जला रखा था, इसलिए उसकी तबियत बिगड़ने लगी. ये देख भाइयों से उसकी हालत देखी नहीं जा रही थी. उनमें से एक भाई को यह बिल्कुल सहन नहीं हुआ और उसने एक छलनी में दीपक रखकर पेड़ पर चढ़ गया. जब वीरवती ने छननी में जलते हुए दीपक को देखा तो उसने उसे चांद समझ कर अपना व्रत खोल लिया. वहीं उसकी एक छोटी सी भूल से उसके पति का निधन हो गया. वीरवती को जब इस बारे में पता चला तो वो बहुत दुखी हुई और पति के मृत शरीर को अपने पास रखकर रोने लगी.


पूजा की थाली में जरूरी है ये चीजें

करवा चौथ पूजा में थाली सबसे खास होता है और महिलाएं थाली की सजावट भी बड़े उत्साह के साथ करती हैं. पूजा की थाली की सजावट के दौरान जरूरी है ये चीजें

सुहाग का सामना, कुमकुम, आटे का दीपक, छलनी, मिठाई, तांबे का लोटा या गिलास और मिट्टि का करवा थाली में जरूर रखें.

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