गनन-गनन ओ घंटा बाजे, धारा नगरी माय धोइंदा की धाम पर....,

Update: 2024-11-21 13:23 GMT


@एक शाम मां धुंधलाज माता के नाम अल सुबह तक चली वार्षिक भजन संध्या

राजसमंद। जिला मुख्यालय के उपनगर धोइंदा में बुधवार रात्री में एक शाम मां धुंधलाज माता के नाम आयोजित वार्षिक भजन संध्या में गायक कलाकारों ने भजनों के ऐसे सुर छेड़े कि श्रद्धालु भोर तक पाण्डाल में जमे रहने को मजबूर हो गए। कार्यक्रम में प्रसद्ध भजन गायक महावीर सांखला नागौर, आशा वैष्णव अहमदाबाद, नरेश , गुरू योगेश शर्मा भीलवाड़ा जैसे प्रदेश के नामचीन कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी। इस वार्षिक भजन संध्या और सामूहिक महा प्रसादी से पहले दिन रात्रि जागरण में सम्पूर्ण मंदिर परिसर को आकर्षक दुधियां रोशनी व गेंदों के फूलों से सजाया गया है। भजन संध्या का आगाज कलाकार नरेश राव ने म्हें थाने सिमरू म्हारा गजानंद देवा..., गणेश वंदना से किया। उसके बाद उन्होनें गुरू बिन गौर अंधेरा रे संतों... भजन का गायन कर गुरू महिमा का गुणगान किया। राव ने बालाजी महाराज की झांकी के साथ घुमादे म्हारा बालाजी घमड़-घमड़ गोटो...., सिया राम जी डंका बजवा दिया, बजरंग बाला अंजनी के लाला ने, म्हारी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे के भजनों की प्रस्तुतयां देकर वाहवाही लूटी। अगले दौर में अहमदाबाद से आई भजन गायिका आशा वैष्णव ने आज पधारों मैया, आस बंधाओं म्हारी धूंधलाज मैया..., बाग लगायों फूलारों- फूलारों, म्हारी कुलदेवी मां धूंधलाज मां..., चम-चम चमके चुंदड़ी ओ माताजी ओं..., चौसठ जोगनियां ऐ देवी देवरियें रमजा..., अब तो आजा रे माताजी ले रथड़ों, ..., थाने हेला पे, हेलों लाऊ ए म्हारी मां..., ओ फूलड़ा ले आओं मालिड़ा म्हारे घर आवेला धूंधलाज मां... के अलावा जसोल माता भट्टियाणी के भजन से माताजी की महिमा का बखान किया, इस दौरान श्रद्धालुओं ने जमकर भाव नृत्य पेश किया। उन्होनें खम्मा रे खम्मा म्हारा सांवरिया सरकार ने घणी खम्मा... भजन पेश करके चारभुजानाथ व सांवरिया सेठ को नमन किया। आशा वैष्णव ने देवी रो अगवाणों म्हारा भेरूजी, घुघरियां घमकावें पर कलाकारों ने भरूैजी और माताजी की झांकी की प्रस्तुतियां देकर माहौल भक्तमय कर दिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में नागौर से आए गायक महावीर सांखला ने देवी म्हारी ऐ आडो ऐ खोल, मूंडे परी बोल जोवा थारी बाट गणी माताजी की आराधना पेश करने के बाद भक्ति के स्वर छेड़े। उन्होंने गनन-गनन ओ घंटा बाजे, धारा नगरी माय धोइंदा की धाम पर...., निर्मल जल री धारा भजन पेश किया। वहीं, जब उन्होंने म्हारा हंसला रे उड़ जा उड़ जा हंसले वाली चाल तो श्रद्धालु इसकी धुन पर भावनृत्य किए बिना नहीं रह पाए। इसके बाद गायक महावीर सांखला एवं आशा वैष्णव ने जुगलबंदी में अपने अलग ही अंदाज में तेजाजी बावजी का भजन तेजल म्हारी लिलन सिणगारी भजन पेश किया तो पाण्डल में मौजूद श्रद्धालु झूम उठे और तेजाजी महाराज की जयकार से गुंजायमन कर दिया। अगले दौर में भीलवाड़ा के गायक योगेश शर्मा गुरु और महावीर सांखला ने जुगलबंदी करते हुए थे कोटड़ी रो श्याम म्हारो चारभुजारो नाथ..., थे काला पर गणा रूपाला म्हारा चारभुजा रा नाथ..., भजन पेश कर अपनी गायकी का लोहा मनवाया। संचालन महालक्ष्मी म्यूजिकल ग्रुप के निदेशक मुकेश पालीवाल ने किया। इसके साथ ही कार्यक्रम के तहत गुरुवार को गांव में विशाल महाप्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

केप्शन भजन संध्या

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