मॉर्निंग वॉक के दौरान हादसा: 11 साल के बेटे की जान बचाई, खुद कुर्बान हो गए फॉरेस्ट ऑफिसर

Update: 2025-11-19 08:28 GMT



अलवर।

बुधवार सुबह अलवर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां सुबह की सैर पर निकले एक फॉरेस्ट ऑफिसर ने अपने बेटे की जान बचाते हुए खुद मौत को गले लगा लिया। शांति कुंज-111 निवासी 48 वर्षीय जोगिंदर सिंह चौहान, जो अलवर में फॉरेस्ट अधिकारी के रूप में तैनात थे, अपने 11 वर्षीय बेटे के साथ रोज की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे।

तेज रफ्तार कार बनी मौत का कारण

सुबह समीप ही एक सड़क पर तेज रफ्तार से आ रही कार अचानक अनियंत्रित हो गई और सीधे उनकी ओर बढ़ी। खतरे को भांपते ही जोगिंदर सिंह ने बिना एक क्षण खोए अपने बेटे को जोर से साइड में धकेल दिया। इस बहादुरी भरे कदम से बच्चे की जान तो बच गई, लेकिन वह खुद कार की सीधी चपेट में आ गए।

बचाने की कोशिश पर नहीं बचाई जा सकी जान

हादसे के बाद राहगीरों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। जोगिंदर सिंह की मौत की खबर से पूरा इलाका शोक में डूब गया है।

परिवार में मातम

जोगिंदर सिंह के पिता विक्रम सिंह चौहान रेलवे (RPF) में रिटायर्ड अधिकारी हैं। पीछे पत्नी, 11 वर्षीय बेटा और परिजन हैं जो इस अचानक हुए हादसे से गहरे सदमे में हैं।

शांत स्वभाव, जिम्मेदार अधिकारी—और एक नायक

स्थानीय लोगों और सहकर्मियों का कहना है कि जोगिंदर सिंह बेहद शांत, मददगार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। बेटे को बचाने के लिए किया गया उनका त्याग अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय है। लोग उन्हें एक सच्चे हीरो के रूप में याद कर रहे हैं।

पुलिस जांच जारी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में हादसा तेज रफ्तार और वाहन पर नियंत्रण खोने के कारण होना पाया गया है। पुलिस चालक की पहचान और आगे की परिस्थितियों की जांच में जुटी है।


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