श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय कल्याण लोक में रंग-तरंग का समापन

By :  vijay
Update: 2024-11-25 12:05 GMT

निंबाहेड़ा श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय कल्याण लोक निंबाहेड़ा में 21 नवम्बर से प्रारंभ हुए चार दिवसीय कार्यक्रम रंग-तरंग का समापन सत्र 24 नवम्बर को सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में प्रमुख शास्त्रीय एवं लोक नृत्य, लघु नाटकों की कई रंगारंग झलकियों को प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केबिनेट मंत्री व विधायक श्रीचन्द कृपलानी रहे। उन्होनें अपने उद्बोधन के माध्यम से वेदों एवं वेदांगों के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय को प्रेरणास्पद बताया और विश्वविद्यालय की उन्नति, प्रगति के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे ऐसे आशीर्वचनों के साथ छात्रों व समस्त विश्वविद्यालय परिवार का उत्साहवर्धन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक अशोक नवलखा व प्रायोजक निकाय श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष लालु भाई केवलानी रहें तथा अन्य समाजसेवी एवं शिक्षकगण भी अतिथि रूप में उपस्थित रहे। संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरू प्रो. ताराशंकर शर्मा ने की। उनके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से आयोजन सफल रहा। उन्होंने बताया कि वेदमंत्रों में आज भी शक्ति का संचार होता हैं, जिसे आज विज्ञान भी स्वीकार करता हैं। इस आयोजन के संरक्षक चैयरपर्सन कैलाशचन्द्र मुन्दड़ा रहे। उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों का अभिवादन करते हुए कहा कि हम वैदिक संस्कृति एवं संस्कारों को बनाए रखने के क्षेत्र में हमेशा प्रयासरत रहेंगे। छात्रों को वैदिक शिक्षा द्वारा ही हम अपने सनातन संस्कारों को बचा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल लोक रंजन नहीं अपितु लोक रंजन के माध्यम से लोक-मंगल की भावना हैं। कार्यक्रम की अग्रिम कड़ी में श्याम सुन्दर पारीक को उनके साहित्य सृजन के क्षेत्र में श्रीकल्ला राठौड़ साहित्य साधना युवा पुरस्कार तथा पंकज कुमार झा को उनके संस्कृत साहित्य क्षेत्र विशेष योगदान होने पर श्री कमधज युवा साहित्यकार पुरस्कार प्रदान किया गया। अन्त में सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों व पूर्व आयोजित खेल प्रतिभगियों को पुरस्कृत किया गया। संचालन का कार्य डॉ स्मिता शर्मा ने किया तथा स्वागत अभिवादन डॉ ललित किशोर शर्मा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ लोकेश चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के समस्त सहकर्मियों का सफल सहयोग एवं उपस्थिति रहीं।

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