प्रशासन की पहल पर संस्थाओं और भामाशाहों के सहयोग से जरूरत के लंबित कार्य हो रहे पूर्ण
राजसमन्द (राव दिलीप सिंह परिहार)जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में प्रशासन ने अब ‘मिशन सहभागिता’ आरंभ किया है। इसके तहत प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर भामाशाहों एवं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जनहित के कार्य करवाए जा रहे हैं। अभियान को लेकर उत्साह ऐसा है कि भामाशाहों ने सहयोग करना भी शुरू कर दिया है।
जहां अभियान से एक ओर प्रशासन और संस्थाओं की सहभागिता सुनिश्चित हुई है तो वहीं जनहित के कार्य भी पूरे हो रहे हैं। अभियान के नतीजे भी सामने आने लगे हैं।
अभियान की शुरुआत आर के राजकीय जिला चिकित्सालय को कई संस्थाओं से कुल 93 लाख रुपए के उपकरणों के सहयोग से हुई है। इन उपकरणों के मिलने से अब मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
अभियान के तहत जनहित के कार्यों जैसे अस्पतालों-विद्यालयों में सुविधाओं का विस्तार, सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण, राजकीय कार्यालयों में अति आवश्यक संसाधन, सार्वजनिक शौचालयों में सुधार, चौराहों का का सौंदर्यीकरण, बस स्टैंड आदि को शामिल किया गया है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि जनहित के कार्यों में संस्थाएं आगे आगे और बढ़-चढ़ कर योगदान दे।
जिला कलक्टर असावा संस्थाओं, संगठनों और भामाशाहों से बात कर जनहित के कार्य होना सुनिश्चित कर रहे हैं। विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
आर के जिला चिकित्सालय को मिले आधुनिक उपकरण:
पीएमओ डॉ रमेश रजक ने बताया है कि जिला चिकित्सालय में नवनिर्मित आईसीयू में मशीनरी और उपकरणों की जरूरत थी। इसके साथ ही इमयूनोअसाय सिस्टम और फुली ऑटो बायो केमिस्ट्री एनालाइजर की जरूरत थी। साथ ही पूर्ण ऑटोलोडर हेमेटोलॉजी एनालाइजर भी आवश्यक था।
उन्होंने बताया कि मिशन सहभागिता के तहत एचडीएफसी बैंक, राजसमंद की ओर से नवनिर्मित आईसीयू में 55 लाख रुपए की लागत से मशीनरी और उपकरण जैसे आईसीयू बेड, मल्टी पैरा मॉनिटर, एबीजी मशीन, इसीजी मशीन, बेड साइड लॉकर, आईवी स्टैंड आदि उपलब्ध करवा करवाए गए हैं।
ऐसे ही स्थानीय न्यू भारत विकास संस्थान ने 8 लाख की लागत से इमयूनोअसाय सिस्टम और 12 लाख रुपए की लागत से फुली ऑटो बायो केमिस्ट्री एनालाइजर मशीन उपलब्ध कराई है।
वहीं अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ राजनगर ने भी आगे आकर प्रयोगशाला के लिए 18 लाख रुपए की लागत से एक सीबीसी मशीन तथा एक बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर मशीन देने की सहमति दी गई थी, इसमें बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर मशीन प्राप्त हो गई है तथा सीबीसी मशीन शीघ्र प्राप्त होगी।
कलक्टर ने संस्थाओं का जताया आभार:
जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने संस्थाओं का सहयोग हेतु आभार जताया है। इन उपकरणों से जिला चिकित्सालय का काम-काज सुलभ होगा और मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। जिला कलक्टर ने कहा है कि जनहित के कार्यों को लेकर जो भी संस्थाएं आगे आना चाहती हैं उनका स्वागत है।
नई मशीनों से इस तरह मिलेगा मरीजों को लाभ:
पीएमओ डॉ रमेश रजक ने बताया कि इम्यूनोअसाय मशीन एक प्रयोगशाला उपकरण है जो एक नमूने में हार्मोन, प्रोटीन, दवाएं या रोगजनकों का पता लगाने और उनकी मात्रा मापने के लिए इम्यूनोलॉजी के सिद्धांतों का उपयोग करता है। इन मशीनों का उपयोग सामान्यत: चिकित्सा निदान और विभिन्न प्रकार के रोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
ऐसे ही फुली ऑटोमेटिक बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला उपकरण है जो रक्त, मूत्र या अन्य जैविक नमूनों पर विभिन्न बायोकैमिकल परीक्षणों को न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ करता है। यह उपकरण फोटोमेट्री, कैलोरीमेट्री और स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल, यकृत एंजाइम, इलेक्ट्रोलाइट्स आदि जैसे विभिन्न पैरामीटर मापता है।
यह एनालाइज़र तेज, सटीक और पुनरुत्पादनीय परिणाम प्रदान करते हैं, जो क्लिनिकल प्रयोगशालाओं में रोगों का निदान और निगरानी करने के लिए आवश्यक हैं और उच्च-प्रदर्शन परीक्षणों को कम समय में सुनिश्चित करते हैं।
वहीं फुली ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनालाइजर एक उच्च तकनीकी उपकरण है जो रक्त के नमूनों में रक्त कोशिकाओं के विभिन्न प्रकारों (जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स) की संख्या और आकार का विश्लेषण स्वचालित रूप से करता है।
यह उपकरण रक्त परीक्षणों को तेज़ी से और सटीकता से करता है, जैसे कि सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट), जो रक्त में विभिन्न तत्वों के स्तर को मापता है। यह मशीन विभिन्न गणनाओं, जैसे हीमोग्लोबिन, हेमाटोक्रिट, और अन्य रक्त संबंधी मानदंडों को ऑटोमेटिक रूप से करती है, जिससे परीक्षण की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाती है।