जल जीवन मिशन के समस्त लंबित कार्य शीघ्र से शीघ्र करें पूर्ण :कलक्टर

By :  vijay
Update: 2025-07-08 11:46 GMT
जल जीवन मिशन के समस्त लंबित कार्य शीघ्र से शीघ्र करें पूर्ण :कलक्टर
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राजसमन्द,। जिला कलक्टर  अरुण कुमार हसीजा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समस्त ग्रामीण एवं शहरी जल परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति, हैण्डपम्पों की मरम्मत, एफएचटीसी कनेक्शनों की प्रगति सहित विभिन्न मुद्दों पर पीएचईडी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की गई।

जब अधिकारियों ने जिले में विभिन्न स्तरों पर जारी कार्यों के बारे में अवगत कराया तो हसीजा ने कहा कि जल के क्षेत्र में राजसमंद का भविष्य उज्ज्वल है, जरूरत है कि सरकार की मंशा अनुसार सभी पेंडिंग कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो। इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से ग्राउंड पर मॉनिटरिंग कर सुनिश्चित करें कि काम क्वालिटी के साथ निश्चित टाइम लाइन में हो। अनावश्यक रूप से एक्सटेंशन नहीं दिया जाए और कॉन्ट्रेक्टर्स को समय पर कार्य पूर्ण करने हेतु पाबंद किया जाए।

बैठक में बाघेरी का नाका बांध आधारित प्रोजेक्ट, भीम-देवगढ़-चम्बल आधारित परियोजना, जाखम बांध आधारित परियोजना, वृहद परियोजनाओं के अलावा अन्य परियोजनाओं, डीएमएफटी के कार्यों सहित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की गई।

एसई रामावतार सैनी ने बताया कि जिले में 15 अगस्त 2019 को हर घर नल से जल का कवरेज 29.70 प्रतिशत था जो 30 जून 2025 तक बढ़ कर 65.54 प्रतिशत हो गया है। इसमें सर्वाधिक कवरेज देलवाड़ा में 91.91 प्रतिशत है। वहीं जिलेभर में देखें तो 300 गांवों को शत प्रतिशत 'हर घर नल से जल' से जोड़ा जा चुका है। इस पर जिला कलक्टर ने शेष ग्रामीण घरों में भी जल्द से जल्द लंबित कार्य पूर्ण करते हुए नल से जल का लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जल जीवन मिशन के अंतर्गत ब्लॉक स्तर पर घरों में नल से जल की प्रगति, वर्क ऑर्डर के बाद हुए कनेक्शनों का विवरण, हर घर जल योजना के तहत जिले के ब्लॉकवार कवरेज, स्कूल, आंगनबाड़ी, ग्राम पंचायत भवन, पीएचसी एवं अन्य संस्थानों में कवरेज की समीक्षा की गई।

बाघेरी-चिकलवास परियोजना की समीक्षा के साथ-साथ कलक्टर ने भीम-देवगढ़-चम्बल जलापूर्ति परियोजना की भी गहन समीक्षा की। इस परियोजना पर प्रोजेक्ट डिवीजन माँडलगढ़ के अंतर्गत कार्य प्रगति की जानकारी ली गई।

हैण्डपम्पों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के दौरान विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि शहरी क्षेत्र में कुल 748 हैण्डपम्प स्थापित हैं, जिनमें से 12 नकारा, 23 सूखे, एवं 713 कार्यशील हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कुल 14,326 हैण्डपम्प हैं, जिनमें से 2,377 नकारा/सूखे एवं 11,949 कार्यशील हैं।

हैण्डपम्प मरम्मत अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में खराब पाए गए 739 हैण्डपम्पों में से 729 की मरम्मत कर कार्यशील किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में खराब पाए गए 11,351 हैण्डपम्पों में से 11,331 की मरम्मत पूर्ण कर चालू किया जा चुका है।

ग्रीष्मकालीन आकस्मिक कार्यों की प्रगति को लेकर भी विस्तार से जानकारी ली। बैठक में ग्रीष्मकालीन जल संकट से निपटने के लिए किए गए आकस्मिक कार्यों की प्रगति पर भी चर्चा की गई। कलक्टर ने निर्देश दिए कि आगामी गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए सभी आवश्यक तैयारी समय रहते सुनिश्चित की जाए।

इस अवसर पर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता, एईएन एवं संबंधित ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलक्टर ने जल परियोजनाओं की त्वरित पूर्णता के लिए समन्वयात्मक कार्य योजना पर बल दिया तथा निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में एवीवीएनएल एसई बी एस शर्मा, सीएमएचओ डॉ हेमंत बिंदल, पीएचईडी के एक्सईएन दीपक सिंघल, एक्सईएन लोकेश सैनी, एक्सईएन धर्मराज बैरवा, एक्सईएन (मॉनिटरिंग) मनीष जैन, एक्सईएन लखन लाल मीणा, हाइड्रोलॉजिस्ट संदीप जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

यह है जल जीवन मिशन:

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल जीवन मिशन भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस मिशन के तहत प्रत्येक घर को कार्यशील नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराया जाता है, ताकि ग्रामीण परिवारों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को पानी लाने की कठिनाई से राहत मिल सके। जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य जल स्रोतों का संरक्षण, जल गुणवत्ता की निगरानी और जल के सतत उपयोग को बढ़ावा देना भी है।

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