कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में प्रयास लाए रंग, पांच महीनों से टीम कर रही थी मेहनत

By :  vijay
Update: 2025-05-04 12:57 GMT
कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में प्रयास लाए रंग, पांच महीनों से टीम कर रही थी मेहनत
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राजसमंद (राव दिलीप सिंह परिहार)जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में प्रशासन का एक और नवाचार सफल हुआ है जिसके अब भविष्य में हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। राजसमंद का आर के जिला चिकित्सालय प्रदेश में जिला चिकित्सालय श्रेणी में सीधे मोबाइल पर जांच रिपोर्ट भेजते हुए अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने जा रहा है।

जिले के आर के जिला चिकित्सालय में एक अत्यंत सराहनीय और जनोपयोगी पहल की शुरुआत सोमवार 5 मई से होने जा रही है। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के मार्गदर्शन में अब मरीजों को उनकी ब्लड जांच रिपोर्ट अस्पताल आने की आवश्यकता बिना, सीधे उनके मोबाइल फोन पर प्राप्त हो सकेगी। यह सुविधा सोमवार से जिले के आमजन के लिए औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी और सभी इसका लाभ ले पाएंगे। इस प्रणाली को शुरू करने की दिशा में पिछले पाँच महीनों से कलक्टर के निर्देश पर पीएमओ की टीम द्वारा प्रयास किए जा रहे थे। जिला कलक्टर असावा ने पदभार ग्रहण करते ही इस योजना को प्राथमिकता देते हुए पीएमओ डॉ. रमेश रजक और उनकी टीम को निर्देशित किया था कि आर. जिला चिकित्सालय में मरीजों को डिजिटल माध्यम से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से रिपोर्ट लेने के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें।

पीएमओ डॉ. रमेश रजक ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सुविधा तकनीकी रूप से काफी जटिल थी। शुरुआत में आईएचएमएस सॉफ्टवेयर के साथ रिपोर्ट को मोबाइल पर भेजने के कई प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके अतिरिक्त, रिपोर्टिंग मशीनों को कंप्यूटर से जोड़ने में भी कई तकनीकी समस्याएं आईं। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि प्रतिदिन आने वाले सैकड़ों मरीजों के लिए क्यूआर कोड जनरेट कर रिपोर्ट को सुरक्षित और सुलभ रूप से भेजा जाए। इसके लिए मिशन सहभागिता के तहत भामाशाह के सहयोग से नई जांच मशीन डोनेट हुई जो सॉफ्टवेयर से कनेक्ट हो सकी। जिला कलेक्टर के निर्देशन और तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से इन सभी समस्याओं का समाधान किया गया। अंततः पाँच महीने की कड़ी मेहनत के बाद यह सुविधा पूर्णतः तैयार हो गई और सोमवार से शुरू की जा रही है।

इस तरह मिलेगी मोबाइल पर रिपोर्ट:

सोमवार से लागू इस नई प्रणाली के तहत जब मरीज चिकित्सक से परामर्श के बाद जांच करवाने की पर्ची बनवाता है, तो उस पर्ची पर एक यूनिक क्यूआर कोड दिया जाएगा। सैंपल देने के बाद मरीज अपने मोबाइल फोन से इस क्यूआर कोड को स्कैन कर जांच रिपोर्ट सीधे मोबाइल पर देख सकेगा। यदि किसी कारणवश हार्ड कॉपी आवश्यक हो, तो वह अस्पताल से भी रिपोर्ट प्राप्त कर सकेगा। यह तकनीकी नवाचार विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं, विकलांगों और गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। पहले इन मरीजों को रिपोर्ट के लिए कई बार अस्पताल आना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें यह सेवा घर बैठे मिल जाएगी। इससे समय की बचत होगी, भीड़ कम होगी और स्वास्थ्य सेवा और अधिक सुलभ हो सकेगी।

जिला कलक्टर श्री बालमुकुंद असावा ने स्वयं चिकित्सालय पहुंचकर इस प्रणाली का परीक्षण किया और मरीजों की रिपोर्ट उनके मोबाइल पर देखकर संतोष प्रकट किया। उन्होंने इस पहल पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को गुणवत्ता युक्त और सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह पहल उस दिशा में एक बड़ा कदम है और भविष्य में अन्य सेवाओं को भी डिजिटल माध्यम से जोड़े जाने की योजना है। कलक्टर ने अथक प्रयासों के लिए अस्पताल की टीम को बधाई दी है।

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