खाटू श्याम जी मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर, अब मिलेगी इस समस्या से निजात
सीकर। परिवहन विभाग ने रींगस से खाटू तथा रींगस से अजीतगढ़ मार्ग पर चलने वाली निजी बसें तथा टैक्सी यूनियनों की बैठक हुई। बैठक में श्रद्धालुओं तथा आम यात्रियों से तय किराए से ज्यादा राशि वसूलने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। बैठक में रींगस तथा खाटूश्यामजी थानाधिकारी भी मौजूद थे। अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सीकर डॉ वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही थी कि भक्तों से तय किराए से ज्यादा वसूला जा रहा है। इस पर विभाग 500 से अधिक वाहनों के चालान बनाए गए, लेकिन इसके बावजूद शिकायतें लगातार जारी रही। इस पर बैठक बस मालिकों, टैक्सी यूनियनों तथा बस यूनियनों से चर्चा की गई। बैठक में यूनियनों को बस व टैक्सी संचालन में यदि कोई बाधा आ रही है तो उसके समाधान पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान बस व टैक्सी मालिकों व यूनियनों को सख्त हिदायत दी गई है कि आमजनों तथा दर्शनार्थियों से तय किराये से ज्यादा पैसे नहीं लिए जाए। अगर फिर से शिकायत मिलती है तो 10000 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने किराया तय कर रखा है। इसके बावजूद यूनियनें ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।
कुछ तो सुविधा के नाम से भी किराया वसूल रहे हैं। ऐसे में सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार रींगस खाटू, रींगस जयपुर तथा अजीतगढ़ मार्ग पर वाहन चलते हैं। इस दौरान जिला परिवहन अधिकारी ताराचन्द्र बंजारा, रींगस थाना प्रभारी कृष्ण कुमार धनखड़, खाटू श्यामजी थानाधिकारी राजाराम, रींगस परिवहन निरीक्षक सुभाष खीचड सहित अनेक अधिकारी व टैक्सी व बस यूनियनों के मालिक व पदाधिकारी मौजूद थे।
रींगस से खाटूश्यामजी की दूरी 17 किमी है, लेकिन टैक्सी व वाहन चालक 200 रुपए से अधिक का किराया वसूलते हैं। शनिवार, रविवार तथा एकादशमी के दिन यह राशि 300 रुपए तक पहुंच जाती है। अधिकारी राठौड़ ने बताया कि सरकारी किराया 85 पैसे प्रति यात्री प्रति किमी तय है। यह राशि 5-5 किमी में प्रवर्ग में तय है। यानी रींगस से खाटू की दूरी 19 किमी भी मानी जाए तो राशि 17 रुपए ही होती है।
जाम की स्थिति हो तो वाया मण्डा होकर जाए तो यह दूरी 25-30 किमी पड़ती है, लेकिन किराया 200-300 वसूले जाते हैं। इसी तरह रींगस से जयपुर तक किराया अधिकतम 85 रुपए बनता है। राठौड़ ने बताया कि तय किराये से ज्यादा वसूलने पर अब जुर्माना भी अधिक रुपए लगेगा। वहीं टैक्सी चालक व बस चालक व परिचालक वर्दी में नहीं रहते ऐसे में वे निर्धारित इस कोड का भी पालन करे। अब अगर यात्रियों के साथ दुर्व्यहार भी किया तो लाइसेंस भी रद्द किया जाकता है। ऐसे में सभी यूनियन सद् व्यवहार रख कर सेवा के भाव से कार्य करे।