मतदान केंद्रों पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक रहेगा वर्जित
उदयपुर,। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रों को न्यूनतम कर चुनाव प्रक्रिया के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में राज्य निर्वाचन विभाग ने इको फ्रेंडली मतदान प्रक्रिया की पहल की है। इसके तहत मतदान केंद्रों को क्लीन एण्ड ग्रीन बनाने पर फोकस रहेगा। राज्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने डिस्पैच एण्ड कलेक्शन केंद्र, मतदान केंद्र, मतगणना केंद्र तथा प्रत्याशियों और राजनैतिक दलों के लिए विस्तृत सुझाव जारी करते हुए सभी जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक को इको फ्रेण्डली मतदान प्रक्रिया के लिए आवश्यक प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
पूरे देश के लिए उदाहरण बनेगा राजस्थान
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री महाजन ने निर्देशों में कहा कि पारंपरिक चुनाव प्रक्रिया में काफी मात्रा में कचरा उत्पन्न होता रहा है जिसमें एकल-उपयोग प्लास्टिक और गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य प्रचार सामग्री एवं पैकेजिंग प्लास्टिक मुख्यतः शामिल है। यह भी आवश्यक है कि संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग किया जाए, जिससे संसाधन संरक्षण एवं न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन की संकल्पनाओं को मजबूती मिल सके। राजस्थान इस प्रकार के नवाचारों को अपनाकर पूरे देश में उदाहरण स्थापित करेगा अपितु पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पहल करेगा।
तीन स्तर पर रहेगा फोकस
विधानसभा उप-चुनाव के दृष्टिगत डिस्पैच एवं कलेक्शन केंद्र, मतदान केंद्र और मतगणना केंद्र पर विशेष गतिविधियां संपन्न होनी हैं। इसलिए मुख्यतः इन्हें इको फ्रेंडली बनाने पर फोकस किया जाएगा।
डिस्पैच एवं कलेक्शन केंद्र : निर्वाचन विभाग ने डिस्पैच एवं कलेक्शन केंद्र पर मतदान दल को दिए जाने वाले समस्त सामान को एक बडे कपडे के बैग में दिए जाने तथा उसके अंदर कागज के छोटे छोटे बैग में सामान को रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा खाना/नाश्ता पैकेजिंग में भी प्लास्टिक के कप-प्लेट का उपयोग नहीं कर पेपर पैकेजिंग अथवा पत्तल दोने का उपयोग करने के निर्देश हैं। पानी के लिए पुनः भरे जाने वाले कैम्पर/मटके एवं प्याऊ की व्यवस्था पर जोर दिया है। चाय के लिए भी स्टील की कैतलियों एवं कुल्हड़ का उपयोग किए जाने के निर्देश दिए। बैनर/पोस्टर आदि कागज के मैटेरियल पर प्रकाशित कराए जाने, सुखे और गीले कचरे के लिए नीले और हरे रंग के दो डस्टबिन रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं। डिस्पैच और कलेक्शन सेंटर को तम्बाकू मुक्त रखा जाए।
मतदान केंद्र : मतदान केन्द्रों को ग्रीन व क्लीन बूथ बनाए जाने, बूथों पर भी दो रंग के डस्टबिन रखने, सेल्फी पोईन्ट भी प्लास्टिक फ्री बनाने, तम्बाकू मुक्त क्षेत्र बनाने, चाय/जलपान/खाने में प्लास्टिक का उपयोग नहीं किए जाने, सुबह 7 से 9 बजे के मध्य आने वाले नए मतदाता, दिव्यांग, बुजुर्ग, महिला, ट्रांसजेंडर मतदाताओं से नामजद पौधारोपण कराने के निर्देश दिए गए हैं। मतदान दल अपने केंद्र को छोड़ते समय समस्त कचरा डस्टबिन में डालकर क्लीन बूथ की संकल्पना को साकार करेंगे। सभी मतदान केंद्रो से सूखे व गीले कचरे का मतदान दिवस के बाद नियमानुसार निस्तारण कराने के भी निर्देश दिए हैं।
मतगणना केन्द्र : मतगणना केंद्र पर भी भी दो रंग के डस्टबिन, खाना / नाश्ता पेपर पैकेजिंग अथवा पत्तल दोने में उपलब्ध कराने, चाय के लिए कुल्हड का उपयोग किए जाने, तम्बाकू मुक्त क्षेत्र, डाक मतपत्रों की गणना के लिए रियूजेबल ट्रे/कंटेनर का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी दिए सुझाव
उम्मीदवार/राजनैतिक दलों के साथ प्लास्टिक मुक्त प्रचार सामग्री के लिए समझाईश करने, जलपान/खाने अथवा पानी के लिए एकल उपयोग प्लास्टिक अनुमत नहीं किए जाने, प्रत्येक प्रशिक्षण में प्रशिक्षण सामग्री सॉफ्ट कॉपी में किए जाने, सेक्टर अधिकारी एवं मतदान दल को प्रशिक्षण के दौरान ही ग्रीन एवं क्लीन बूथ संकल्पना के बारे में अवगत कराने, स्थानीय एनजीओ/सेल्फ हेल्प ग्रुप आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं विद्यार्थियों के माध्यम से मतदाता जागरूकता के साथ साथ इको-फ्रेंडली मतदान के लिए भी प्रचार-प्रसार करने, यथासम्भव वर्चुअल बैठक किए जाने का भी सुझाव दिया।