पशुधन सहायकों के प्रत्यास्मरण प्रशिक्षण शिविर का समापन
उदयपुर /पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, जयपुर के आर्थिक सहयोग से संचालित पशुधन सहायकों के प्रत्यास्मरण प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। अतिरिक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा ने कहा कि विमुख होते पशुपालकों को पुनः पशुपालन से जोड़ने के लिए उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। डॉ. अरोड़ा ने केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा टोल फ्री नम्बर 1962 को व्यापक प्रचार प्रसार की बात कही ताकि दूरदराज के क्षेत्र के पशुपालक भी पशुपालन की बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सके। उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि पशुओं में किया जाने वाला कृत्रिम गर्भाधान उच्च तकनीकी कार्य है केवल पशु में कृत्रिम गर्भाधान करना ही पर्याप्त नहीं है अपितु पशु का ग्याभन होना, स्वस्थ होना, स्वस्थ वत्स उत्पादन होना एवं जब वह परिपक्व हो तो स्वच्छ उत्पादन प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण है। डॉ. चन्द्रशेखर वैष्णव, डॉ. दिनेश झाम्ब, डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी, डॉ. पदमा मील, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. सविता मीणा, डॉ. सुभाष, डॉ. योगेश डॉ. हंसकुमार जैन, श्री चन्द्रशेखर गुर्जर एवं पन्नालाल शर्मा ने विभिन्न प्रजनन संबंधी विषयों पर जानकारी दी। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. पदमा मील ने बताया कि इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में उदयपुर एवं कोटा संभाग के 28 पशुधन सहायकों ने भाग लिया। डॉ. सुरेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।