जन अभियोग निराकरण विभाग की जिला स्तरीय कार्यशाला में हुआ मंथन
उदयपुर, । भारत सरकार के निर्देशानुसार 19 दिसंबर से 25 दिसंबर तक चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान “सुशासन सप्ताह - प्रशासन गांव की ओर“ मनाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य केन्द्र एवं राज्य की सहभागिता से सुशासन को प्रोत्साहित करना है। उक्त अवधि में सभी पंचायत समिति मुख्यालय पर विशेष शिविर/कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। अभियान के तहत जन अभियोग निराकरण विभाग के तत्वावधान में डिस्ट्रिक्ट एटदीरेट 100 विजन दस्तावेज पर चिंतन, मनन और मंथन हेतु सोमवार को जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि बी.आर.भाटी, जिला परिषद के सीईओ हेमेन्द्र नागर, भू-प्रबंध अधिकारी कीर्ति राठौड, ओएसडी जितेन्द्र ओझा तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों ने शिरकत की।
मुख्य अतिथि भाटी ने बताया कि सहजता एवं सरलता, संवेदनशीलता (गरीब एवं जरूरतमंद), समयबद्धता एवं पारदर्शिता सुशासन की मुख्य विशेषताएं है। साथ ही विशेषाधिकार, विवेकाधिकार, पक्षपातपूर्ण निर्णय, जानकारी का अभाव व तत्काल प्रोत्साहन एवं दण्ड देना सुशासन की मुख्य बाधाएं है। कार्यशाला में कीर्ति राठौड़ ने सुशासन में समयबद्धता पर तथा जितेन्द्र ओझा द्वारा ई-फाईल के बारे में जानकारी दी गई।
इसके पश्चात आर.एन.टी मेडिकल कॉलेज से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा ‘मेरा अस्पताल, मेरी जिम्मेदारी’ एवं सेतु-रैपिड रेफरल रिड्रेसल सिस्टम एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा सेतु संचार के बारे में बताया गया। कार्यशाला में सहायक निदेशक, लोक सेवाएं सुश्री शीतल अग्रवाल ने सुशासन, लोक शिकायत निवारण प्रक्रिया, सम्पर्क हेल्पलाइन 181, राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011, राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012 की संक्षिप्त जानकारी दी।
कार्यशाला में अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन माध्यम से देने,डोर स्टेप डिलीवरी को बढावा देने, उत्तरदायी एवं पारदर्शी सेवा प्रदान करने के संबंध में सुझाव दिये गये। अधिनियमों के व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा प्रत्येक कार्यालय में एकल खिड़की तंत्र स्थापित करने के साथ-साथ सरकारी कार्यालय में अधिकारियों की उपस्थिति ऑनलाइन करवाने के संबंध में सुझाव दिये गये। इस मौके पर आधारभूत साधन-सुविधाओं सड़क, पानी, बिजली, खाद्य सामग्री, पेंशन आदि से जुड़ी समस्याओं व परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण की बात कही गई। इस दौरान विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।