राजस्थान विधानसभा उपचुनाव-2024 मतदान की वेबकास्टिंग की लाइव मॉनिटरिंग पर फोकस रहेगा

By :  vijay
Update: 2024-11-05 14:19 GMT

जयपुर-उदयपुर । राजस्थान में 7 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग पर निर्वाचन विभाग का विशेष फोकस रहेगा, ताकि मतदान प्रक्रिया में किसी भी रुकावट या व्यवधान का तुरंत समाधान किया जा सके। इसी प्रकार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भी वेबकास्ट वीडियो की लाइव निगरानी की जाएगी। जिससे मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की लम्बी कतार लगने या मतदान दल को आ रही कठिनाई को दूर करने की व्यवस्था जा सके।

भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त श्री संजय कुमार और मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने मंगलवार को 7 विधानसभा क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ आयोग की ओर से आयोजित वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस विषय में निर्देश दिए। उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित कांफ्रेंस में राज्य के पुलिस महानिरीक्षक सतर्कता श्री प्रफुल्ल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक एटीएस श्री हेमंत कुमार शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था श्री अनिल कुमार टांक सहित निर्वाचन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्री महाजन ने बताया कि उपचुनाव के दौरान स्वतंत्र, निष्पक्ष और भय रहित मतदान के लिए आधे से अधिक मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। मतदान के समय वेबकास्ट फीड की लाइव मॉनिटरिंग और त्वरित सुधारात्मक कार्यवाही के लिए स्थानीय स्तर पर कार्ययोजना और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है। इसके अनुसार वेबकास्ट फीड की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। कुछ भी असामान्य नजर आने पर उसका विश्लेषण और उस पर आवश्यक कार्रवाई तत्काल की जाएगी. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के दौरान जिन मतदान केन्द्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है, उन पर विभाग का विशेष फोकस रहेगा।

10-10 आदर्श मतदान केन्द्र तैयार होंगे

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में उपचुनाव के दौरान सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में 10-10 आदर्श मतदान केन्द्र तैयार किए जाएंगे. इन ’इको-फ्रेंडली’ मतदान केन्द्रों में प्लास्टिक से बनी किसी भी वस्तु का उपयोग नहीं होगा और चुनाव कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी यथासंभव प्लास्टिक से बनी हुई नहीं होगी। इन मतदान केन्द्रों पर चाय आदि पीने के लिए कुल्हड़ का उपयोग किया जाएगा।

श्री महाजन ने बताया कि उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को मतदान-दलों और मतदान कार्य से जुड़ी अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए नियोजित नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप 7 विधानसभा क्षेत्रों में यथासंभव किसी भी कार्मिक या अधिकारी के लिए पोस्टल बैलट जारी करने की जरूरत नहीं है. विशेष परिस्थितियों में केवल कुछ महिला और दिव्यांग कार्मिकों के लिए ईडीसी (चुनाव कार्य प्रमाण-पत्र) के आधार पर मतदान की व्यवस्था की गई है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19,37,485 मतदाताओं के मतदान के लिए 1,862 मतदान केन्द्रों के साथ-साथ 53 सहायक मतदान केन्द्र भी बनाए गए हैं, जो गत लोकसभा आम चुनाव के दौरान बनाए गए सहायक मतदान केन्द्रों से 22 अधिक हैं. उन्होंने कहा कि इससे मतदान के दौरान लम्बी कतारों से निजात मिल सकेगी।

निर्वाचन आयोग ने नवाचारों की सराहना की

उप निर्वाचन आयुक्त श्री संजय कुमार ने प्रदेश में उपचुनाव के दौरान किए जा रहे नवाचारों की सराहना की और कहा कि अन्य राज्यों में भी ऐसी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। उन्होंने वेबकास्टिंग की लाइव मॉनिटरिंग के लिए बनी स्थानीय कार्ययोजना और एसओपी आयोग के साथ साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग भी वेबकास्ट फीड की समुचित लाइव मॉनिटरिंग करेगा और मतदाताओं की लम्बी कतार लगने की स्थिति में फील्ड में मौजूद ऑब्जर्वर सहित अन्य अधिकारियों को समुचित निर्देश जारी करेगा।

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान सभी 7 जिला निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव की तैयारियों के विषय में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए। उन्होंने मतदान केंद्रों की व्यवस्थाओं, होम वोटिंग तथा सेवा नियोजित मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की प्रक्रिया, ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों के रेंडमाइजेशन, मतदान दलों के गठन और प्रशिक्षण, मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) और मतदाता निर्देशिका (वीजी) के वितरण, मतदान कार्मिकों की रवानगी और मतदान के बाद ईवीएम मशीनों के भण्डारण, मतगणना की व्यवस्था तथा सुरक्षा के साथ-साथ राजनैतिक दलों के साथ विभिन्न स्तर पर सम्पर्क आदि बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी साझा की।

जिला पुलिस अधिकारियों ने मतदान केन्द्रों, ईवीएम के भण्डारण और परिवहन सहित क़ानून-व्यवस्था की सामान्य स्थिति, चुनाव के दौरान सुरक्षा की स्थिति, संवेदनशील क्षेत्रों और मतदान केन्द्रों के लिए सुरक्षा योजना सहित अन्य सम्बंधित विषयों पर चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 7 विधानसभा क्षेत्रों से सम्बंधित जिलों में 64 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती की गई है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और भय तथा प्रलोभन रहित चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

उप निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने राजस्थान में भय और लोभ-लालच रहित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नकदी, शराब सहित अन्य वस्तुओं के अवैध मुफ्त वितरण पर कड़ी निगरानी रखने और प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस तथा सुरक्षा बलों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

उदयपुर मुख्यालय से यह जुड़े वीसी से

इस अवसर पर उदयपुर से जुड़े जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) अरविंद कुमार पोसवाल ने सलूंबर विधानसभा उपचुनाव के लिए अब तक की गई तैयारियों के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने मतदान दलों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, मतदान दलों की रवानगी, विभिन्न प्रकोष्ठों द्वारा चुनावी गतिविधियों पर रखी जा रही निगरानी व मॉनिटरिंग, होम वोटिंग आदि के बारे में जानकारी दी। जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने लॉ एंड ऑर्डर, चैक पोस्ट पर रखी जा रही निगरानी, कानून व्यवस्था आदि के बारे में अवगत कराया। सलूंबर जिला पुलिस अधीक्षक राजेश यादव ने स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए विधानसभा स्तर पर की गई व्यवस्थाओं व तैयारियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम प्रशासन दीपेन्द्र सिंह राठौड़, जिला परिषद सीईओ हेमेन्द्र नागर, व्यय निगरानी प्रकोष्ठ के प्रभारी कृष्णपाल सिंह, एनआईसी के तकनीकी निदेशक मजहर हुसैन, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के सहप्रभारी डॉ. महामाया प्रसाद चौबीसा सहित अन्य अधिकारी वीसी से जुड़े।

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