आर्यिका प्रसन्नमति माता का चातुर्मास निष्ठापन कर सेक्टर 11 सन्मति निलय में किया प्रवेश

Update: 2025-11-26 08:33 GMT

उदयपुर,। ऐतिहासिक धर्म नगरी उदयपुर के चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर आयड़ में सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में आयोजित हो रहे श्री अभिनंदनसागर महाराज की सुयोग्य सुशिष्या बाल योगिनी, जिनवाणी सेवा चन्द्रिका धर्मप्रभाविका, वात्सल्यमूर्ति आर्यिका प्रसन्नमति माताजी के चातुर्मास निष्ठापन कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित हुआ। चातुर्मास निष्ठापन के बाद मंगल कलश आयड़ मंदिर से उद्यापन कर विहार करते हुए सेक्टर 11 स्थित सन्मति निलय भवन में स्थापित किया। जिसमें आर्यिका प्रसन्नमति माताजी के हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाएं आयड़ मंदिर से शोभायात्रा के रूप में सेक्टर 11 के लिए विहार किया। शोभायात्रा में सबसे आगे बैण्ड अपनी मधूर स्वर लहरियां बिखेरते हुए चल रहे थे। उनकी पीछे आर्यिक संघ एवं सिर पर मंगल कलश लिए श्रावक-श्राविकाएं जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। मार्ग में जग-जगह आर्यिका का श्रावक-श्राविकाओं द्वारा स्वागत किया गया। जैसे ही आर्यिका संघ सन्मति निलय सेक्टर 11 पहुंचा तो मानो पुरा वातावरण आर्यिका के जयकारों से गुंजायमान कर दिया। उसके बाद पाद प्रक्षालन एवं शाही लवाजमें के साथ आर्यिका प्रसन्नमति माता जी को शास्त्र भेंट कर अर्घ चढ़ाया।

चातुर्मास समिति के खुबीलाल चित्तौड़ा व ओमप्रकाश चित्तौड़ा ने बताया कि णमोकार संस्थान के संस्थापक मुकेश मुण्डलिया एवं पद्मावती महिला मंडल सवीना ,नागेंद्र महिला मंडल सेक्टर 4 ,सेक्टर 14 महिला मंडल, नागदा जैन महिला परिषद नागदा समाज की ओर से उत्कृष्ट गुरु भक्ति एवं श्रावक रत्न की उपाधि से सम्मानित होने पर भंवरलाल-मंजूदेवी गदावत का मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।

आयोजित धर्मसभा में आर्यिका प्रसन्नमति ने कहा कि सौभाग्यशाली जिनके पास धन है वह स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है है। महाभाग्य शााली धन भी है, स्वास्थय भी अच्छा रहता है व धर्म भी है। दुर्भाग्यशाली जिसके पास धन नहीं, स्वास्थ्य नहीं है व धर्म भी नहीं है वह आदमी दुर्भाग्यशाली है। संसार में डूबोने वाले बहुत मिल जाएंगे लेकिन संसार से तराने वाले सिर्फ गुरु ही है। मुंह में राम और बगल में छूरी ऐसे लोगों से सावधान व दूर ही रहे। दूसरों को जलते दुख खुश नहीं होना दूसरों का सुख देखकर खुश होना ही मानव जीवन का सार है।,

महामंत्री सुरेश लखावला, खुबीलाल चित्तौड़ा, ओमप्रकाश चित्तौड़ा, प्रेम प्रकाश चित्तौड़ा, फतहलाल मुण्डलिया, ब्रजकिशोर जोलावत, गजेन्द्र लखावला, संचालन धीरेंद्र पंडित ने किया। सेठ शांतिलाल गदावत, विमल कुमार गदावत, शांतिलाल वेलावत, विजय लाल वेलावत, महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू गदावत, आरती चित्तौड़ा, माला चित्तौड़ा, इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज सलूम्बर गींगला, उदयपुर, सहित देशभर से श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। उसके बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ।

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