प्रतापगढ़ एवं डूंगरपुर के पशुपालकों ने सीखी हरे चारे को संरक्षित करने की तकनीक

By :  vijay
Update: 2025-06-19 11:38 GMT
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उदयपुर। पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में प्रतापगढ़ एवं डुंगरपुर जिले के पशुपालकों का तीन दिवसीय आवासीय पशुपालन प्रशिक्षण आयोजित हुआ। उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार छंगाणी ने बताया कि प्रशिक्षण में गौ-पालन की नवीनतम जानकारियां देते हुए चारे की कुट्टी बनाकर एवं प्रति दिन पशुओं को नमक खिलाने पर जोर दिया। समापन के अवसर पर पशुपालकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि वर्षा के मौसम में प्रचुर मात्रा में हरे चारे की उपलब्धता रहती है, पशुओं को हरा चारा खिलाने के पश्चात शेष बचे अतिरिक्त चारे को वैज्ञानिक तकनीकी से संरक्षित करने से उसकी पौष्टिकता बनाये रखा जा सकता है। अकाल के समय में या चारे की कमी के समय में इस संरक्षित चारे को पशु को उपलब्ध करा कर पशु के उत्पादन को बनाए रखा जा सकता है। हरे चारे को संरक्षित करने की हे एवं साइलेज विधि का विस्तार से प्रशिक्षण दिया। वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. पदमा मील ने इस अवसर पर बताया कि पशुपालकों को चाहिए कि उन्हें सूखा चारा उपलब्ध करातें हुए उसकी उपचारित करके उपलब्ध करानें से चारे के पौष्टिकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं. जिससे उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होती हैं। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश साहू ने पशुपालन व्यवसाय में पशुआहार की महत्वता पर विशेष जानकारी दीं। डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. हंस कुमार जैन, पन्नालाल शर्मा ने विभिन्न विषय पहलुओं पर प्रशिक्षण देकर पशुपालकों को लाभान्वित किया। चतुर्थ त्रिदिवसीय आवासीय पशुपालक प्रशिक्षण शिविर में कुल 25 पशुपालकों ने भाग लिया।

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