जयकारों के साथ सवीना मंदिर में ऋषभदेव भगवान की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न

उदयपुर । श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में सवीना स्थित पार्श्वनाथ तीर्थ मेें शनिवार को तपस्वीरत्न आचार्य भगवंत पद्म भूषण रत्न सुरिश्वर महाराज, साध्वी भगवंत कीर्तिरेखा महाराज आदि ठाणा की निश्रा में ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि सवीना में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व आयड़ तीर्थ से सुबह 7 बजे ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा को गाजे-बाजे के साथ सवीना पार्श्वनाथ मंदिर ले जाया गया। जहां भगवान की प्रतिमा का अंजनशलाका किया गया। उसके बाद परमात्मा का गर्भगृह में प्रवेश अक्षत के द्वारा बधाकर किया गया। शुभ मुर्हूत के समय में तोरण बांधना तथा माणक स्तंभ की स्थापना की गई। इस अवसर आचार्य पद्म भूषण रत्न सुरिश्वर महाराज द्वारा भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। सवीना तीर्थ के मूल भूमि तल पर ऋषभदेव प्रभु का विशाल प्रतिमा की प्रतिष्ठा विद्वान नागेश्वर भाई द्वारा शांतिधारा पाठ का विधान किया गया। इस दौरान मंदिर में मौजूद श्रावक-श्राविकाओं ने जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान कर दिया। साथ ही विभिन्न भक्ति गीतों के साथ झुमकर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पलों को जीवन में उतारा।
प्रतिष्ठा के बाद आचार्य पद्म भूषण रत्न सुरिश्वर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रभु की मंदिर में स्थापना की तरह मन के मंदिर में भी स्थापना करनी चाहिए। प्रभु को ह्रदय में स्थापित करने से अंदर रहे हुए दोष समाप्त होते है तथा गुणों का विकास होता है। इस जगत में वास्तविक शरण प्रदान करने वाले एक मात्र वीतराग परमात्मा है। जिसमें न तो राग है न द्वेष है। इस अवसर पर प्रतिमा विराजमान कर्ता जुठमल-रेशमी देवी बाफना, भेरूलाल, मांगीलाल, प्रवीण बाफना बालोतरा-जोधपुर का अनुमोदना करते हुए आगे भी ऐसे सत्कार्य करने की प्रेरणा दी। उसके बाद लाभार्थी परिवार का श्री जैन श्वेताम्बर महासभा द्वारा मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा, माला व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, सतीश कच्छारा, चतर पामेचा, राजेश जावरिया, दिनेश भंडारी, अशोक जैन, दिनेश बापना, कुलदीप मेहता, नरेन्द्र शाह, चिमनलाल गांधी, गोवर्धन सिंह बोल्या, राजेन्द्र कोठारी, दिनेश खमेसरा, हेमंत सिंघवी, डॉ. शैलेन्द्र हिरण आदि मौजूद रहे।