विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 में राजस्थान नंबर-1, एसआईआर उपलब्धि पर राज्यभर में प्रशंसा

Update: 2025-11-26 13:30 GMT

जयपुर/उदयपुर,  । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में देशभर के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में राजस्थान ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन के नेतृत्व में प्रदेश ने 83 प्रतिशत कार्य पूरा कर अब तक के आंकड़ों में देश में 10 बड़े राज्यों में पहले स्थान पर काबिज है।

प्रदेश में कुल 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 गणना प्रपत्रों में से 4 करोड़ 55 लाख से अधिक गणना प्रपत्र ईसीआई-नेट पर अपलोड कर 8 दिन शेष रहते 83 प्रतिशत कार्य किया जा चुका हैं। यह उपलब्धि तकनीकी दक्षता, टीमवर्क और जिला स्तर तक सतत मॉनिटरिंग का परिणाम है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हमारे बूथ लेवल अधिकारियों की मेहनत का ही परिणाम है कि अब तक प्रदेश के 6000 से ज्यादा बूथों पर बीएलओ द्वारा 100 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। अपना कार्य पूरा करने वाले करीब 2,500 बीएलओ को सम्मानित किया जा चुका है। इसमें 516 बूथ लेवल अधिकारियों को राज्य स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी और लगभग 2,000 बीएलओ को जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि एसआईआर में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 26 ईआरओ को गुरूवार को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। सूची संलग्न।

श्री महाजन ने बताया कि पोलिंग बूथ पर 100 प्रतिशत कार्य पूरा करने में बाड़मेर जिला अव्वल है। बाड़मेर में अब तक कुल 574 पोलिंग स्टेशनों पर शत प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है। साथ ही, बालोतरा के 357 और चूरू के 285 पोलिंग स्टेशनों पर 100 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है।

विधानसभा क्षेत्रवार आंकड़ों के अनुसार, गुढ़ामालानी के 207, बायतु के 191, बाड़ी के 157 बूथों पर 100 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।

डिजिटाइज प्रपत्रों के वैरिफिकेशन एवं अनमैपिंग की सुविधा-

 महाजन ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ एप पर अब डिजिटाइज किए जा चुके प्रपत्रों के वेरिफिकेशन तथा अनमैपिंग की सुविधा प्रारंभ हो गई है। बीएलओ द्वारा अगर किसी मतदाता की मैपिंग के विकल्प को परिवर्तित करना है तो अब न्दउंच जीम म्समबजवत फीचर के माध्यम से उन मतदाताओं को अनमैप करके नए मैपिंग विकल्प पर जाया जा सकता है। यह देखा गया है कि कुछ मतदाताओं ने फॉर्म भरते समय विगत एसआईआर का विवरण पता न होने से बिना मैपिंग के फॉर्म भर दिए थे। अब आयोग द्वारा सर्च बाये नाम फीचर के लागू होने से कई मतदाताओं के विवरण विगत एसआईआर में खोजे जा चुके हैं। इस स्थिति में अब मैपिंग में विकल्प परिवर्तन की आवश्यकता है, ताकि इन मतदाताओं को एसआईआर की संपूर्ण प्रक्रिया में कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं रहे।

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