उदयपुर, । भगवान बिरसा मुंडा की 150वी जयंती के अवसर पर आयोजित जनजाति गौरव वर्ष अंतर्गत माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) द्वारा राज्य स्तरीय जनजाति काष्ठ कला 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार से होगा।
टीआरआई निदेशक ओ.पी. जैन ने बताया कि जनजाति परम्पराओं के संरक्षण तथा युवा जनजाति कलाकारों को पारम्परिक काष्ठ कला निर्माण की विभिन्न तकनीकों से परिचित कराने के उद्देश्य से इस 6 दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 25 कला जनजाति कलाकार भाग ले रहे है। इनमे राष्ट्रपति महोदया से आदि गौरव सम्मान प्राप्त कलाकार डिम्पल चण्डात, राज्य स्तर पर सम्मानित कलाकार दिलीप कुमार डामोर, डॉ यशपाल बरण्डा, चन्द्रीका चन्द्रिका परमार, प्रभुलाल गमेती तथा प्रवीण बरण्डा भी भाग लेंगे। साथ ही अन्य जनजाति काष्ठ कला कलाकारों में सबसे उम्रदराज वाडीलाल, नवीन चंद्र, खेमराज डिण्डौर तथा मांगूसिंह भी अपनी काष्ठ कला शैली से कलाकृतियों का निर्माण करेगे।
निदेशक जैन ने बताया कि जनजाति गौरव वर्ष अंतर्गत संस्थान द्वारा 15 नवम्बर 2024 से आदिनांक तक विविध गतिविधियों/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसी श्रृंखला में गत माह नेशनल ट्राईबत फुड फेस्टिवल भी आयोजित किया गया था। इसी क्रम में 7 से 12 नवम्बर तक राज्य स्तरीय जनजाति काष्ठ कला कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का शुभारंभ अतिरिक्त मुख्य सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, कुंजीलाल मीणा की अध्यक्षता में किया जाएगा। साथ ही कार्यशाला में प्रो. हेमंत द्विवेदी, दृश्य कला संकाय, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे जो जनजाति कलाकारों को मूर्तिशिल्प सृजन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा व मार्गदर्शन करेंगे।