अमेरिका में विदेशी ड्रोन पर प्रतिबंध, ट्रंप के फैसले के पीछे क्या है असली रणनीतिक मकसद
नई दिल्ली डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए विदेशी ड्रोन्स पर शिकंजा कस दिया है। फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) ने 'राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं' का हवाला देते हुए अमेरिका में सभी नए विदेशी ड्रोन मॉडल्स के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का सबसे बड़ा असर मशहूर चीनी ड्रोन कंपनी DJI पर पड़ने वाला है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो अमेरिकी नागरिक पहले से पुराने विदेशी ड्रोन मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे उन्हें उड़ाना जारी रख सकते हैं। यह प्रतिबंध केवल नए मॉडल्स पर लागू होगा। FCC ने एक फैक्ट शीट में दावा किया कि "अपराधी, विदेशी दुश्मन और आतंकवादी" इन ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने में कर सकते हैं।
क्या है 'कवर्ड लिस्ट'?
एजेंसी ने अपनी 'कवर्ड लिस्ट' को अपडेट किया है। यह उन उत्पादों की सूची है जिन्हें देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'अस्वीकार्य जोखिम' माना जाता है। अब इस लिस्ट में विदेश में निर्मित सभी 'UAS (अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम) और उनके महत्वपूर्ण घटकों' को शामिल कर लिया गया है।
'अमेरिकन ड्रोन डोमिनेंस' की तैयारी
फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन के चेयरमैन, ब्रेंडन कैर ने सोमवार को इस नीति का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "मैं एग्जीक्यूटिव ब्रांच के इस राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय का स्वागत करता हूं। मुझे खुशी है कि FCC ने अब विदेशी ड्रोन और उससे जुड़े घटकों को अपनी कवर्ड लिस्ट में जोड़ दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का पालन करते हुए, FCC अमेरिकी ड्रोन निर्माताओं के साथ मिलकर काम करेगा ताकि 'अमेरिकन ड्रोन डोमिनेंस' को कायम किया जा सके।"
चीनी कंपनियों पर पड़ेगा सबसे गहरा असर
यह नया नियम कई विदेशी कंपनियों को प्रभावित करेगा, लेकिन यह चीनी ड्रोन निर्माता DJI के लिए एक बड़ा झटका है। DJI को वर्तमान में दुनिया भर में और अमेरिका में ड्रोन बिक्री का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। कंपनी ने कहा कि इस फैसले तक पहुंचने के लिए किस जानकारी का उपयोग किया गया, इसका कोई डाटा जारी नहीं किया गया है। DJI ने दावा किया कि उनके उत्पाद बाजार में सबसे सुरक्षित हैं और वे अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए एक खुले और प्रतिस्पर्धी बाजार की वकालत करते रहेंगे।
ट्रंप की सख्त नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान चीनी कंपनियों के खिलाफ लगातार सख्त रुख अपनाया है। इस नए ड्रोन बैन की नींव जून में पारित एक कार्यकारी आदेश के साथ रखी गई थी। इसका उद्देश्य अमेरिका में बने ड्रोन के उत्पादन को बढ़ावा देना और अमेरिकी ड्रोन सप्लाई चेन को विदेशी नियंत्रण से सुरक्षित रखना है।
