गीता प्रेस के कर्मियों के मोबाइल जले, संचालक हुए परेशान, एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रंथ सुरक्षित
महाकुंभ मेले में लगी आग के बाद गीता प्रेस के मालिक बदहवास नजर आए। हादसे के बाद वह शिविर में लोगों के कुशलक्षेम पूछते रहे। आग में एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रंथ जलने से बच गए हैं।
सप्ताह भर पहले ही गोरखपुर से धर्मग्रंथों की खेप महाकुंभ के शिविर में पहुंची थी। धर्मग्रंथों तक आग नहीं पहुंची और किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हादसे में गीता प्रेस के कर्मचारियों के मोबाइल भी जलने की सूचना है।
bरविवार को सेक्टर 19 में गीता प्रेस के शिविर की झोपड़ियां राख हो गईं लेकिन कुछ दूर पर स्थित शिविर में रखे एक करोड़ से अधिक के धर्मग्रंथ पूरी तरह से सुरक्षित बच गए। हादसे के बाद गीता प्रेस के मालिक कृष्ण कुमार खेमका पूरी तरह से बदहवास नजर आए। उनके मुंह से बार-बार यही निकल रहा था कि हे भगवान ये सब कैसे हो गया? भगवान सबकी रक्षा करें।
गीता प्रेस के लाल मणि तिवारी ने बताया कि आग के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। घटना के बाद हम स्थानीय कर्मचारियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। महाकुंभ के लिए अभी एक करोड़ के धर्मग्रंथ भेजे गए थे जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। महाकुंभ में नौ कर्मचारियों को तैनात किया गया था।
मदद के लिए साधु-संतों ने बढ़ाया हाथ
गीता प्रेस के शिविर में आग लगने के बाद महाकुंभ मेले के साधु-संतों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। साधु-संतों की टोली ने गीता प्रेस के मालिक कृष्ण कुमार खेमका से मुलाकात की और ढांढस भी बंधाया। साधु-संतों ने कहा कि आप लोग परेशान न हों, हम लोग हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।