धर्मांतरण मामले में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की गिरफ़्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे

Update: 2025-07-08 11:31 GMT

 उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट से जुड़े एक बड़े मामले में एटीएस और एसटीएफ ने तीन दिन पहले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। अब जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 

एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ  है कि छांगुर बाबा की संस्थाओं में विदेशों से आए फंड को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, औरैया और आजमगढ़ के कई लोगों तक पहुंचाया गया। बड़ी मात्रा में रकम के लेन-देन की पुष्टि हुई है। धर्मांतरण से जुड़े इस गिरोह के सदस्यों ने विदेशी फंड का खुलकर बंटवारा किया। जांच में यह भी पाया गया कि लखनऊ से कई बार बलरामपुर में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। एजेंसियों ने अब तीन संदिग्धों को चिह्नित कर लिया है, जिनसे जल्द पूछताछ हो सकती है। 

एटीएस और एसटीएफ ने छांगुर बाबा के पूरे नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है। उसका मकसद गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचना और उन्हें गिरफ्तार करना है। जानकारी के अनुसार, छांगुर बाबा ने बलरामपुर जिले के उतरौला के मधपुर गांव से धर्मांतरण का खेल शुरू किया था। मुंबई से लेकर लखनऊ तक उसने कई लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर किया।

 कुछ दिन पहले गोमतीनगर में छांगुर बाबा के शिकार बने लोगों ने एक बार फिर हिंदू धर्म में वापसी की। रीति-रिवाज के साथ उन्होंने घर वापसी की प्रक्रिया पूरी की।

एटीएस ने छांगुर की 40 से अधिक संस्थाओं के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। इन खातों से किए गए लेन-देन के आधार पर अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों को चिह्नित किया गया है। इनसे जल्द पूछताछ की जाएगी। इनमें अधिकतर मुरादाबाद, औरैया और आजमगढ़ के निवासी हैं।

एजेंसियों को पता चला है कि छांगुर बाबा जब फरार था, तब उसकी मदद के लिए कई लोग आगे आए थे। अब इनकी भी पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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