भीलवाड़ा के कई अस्पतालों में आग पर काबू पाने के पुख्ता इंतजाम नहीं, दमकल करेगा पड़ताल, फायर NOC तक नहीं

Update: 2024-12-23 14:11 GMT

भीलवाड़ा ( राजकुमार माली)। भीलवाड़ा के सबसे बड़े महात्मा गांधी अस्पताल से कई बड़े अस्पतालों में आग लगने के बाद उसे पर काबू पाने के न तो पर्याप्त साधने हे और नही फायर NOC है ।

जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा के सबसे बड़े और सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी ने भी नगर परिषद के दमकल शाखा से फायर एनओसी नहीं ली हुई। यही नहीं अरिहंत हॉस्पिटल और शहर के अन्य दर्जन पर छोटे-बड़े अस्पतालों ने भी फायर एनओसी लेने की जरूरत नहीं समझी है।

दमकल शाखा के प्रभारी छोटू लाल ने बताया कि कई बड़े अस्पतालों के साथी छोटे अस्पतालों ने फायर इस नोशी नहीं ली हुई है उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों की जल्दी जांच पड़ताल की जाएगी। इस संबंध में नोटिस देने के बाद भी उन्होंने कही है।

उल्लेखनीय की हाल ही में महात्मा गांधी अस्पताल में बच्चों के वार्ड में आग लगने को लेकर मार्क डील की गई थी इस मौके पर जिला कलेक्टर नामित मेहता पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन के साथ ही अन्य पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नगर परिषद के अधिकारी और दमकल शाखा के प्रभारी भी मौजूद थे। यह रिहर्सल आग लगने पर कैसे काबू पाया जा सकता और मरीजों को बचा सकते हैं इसे लेकर थी लेकिन कहीं खामियां भी पाई गई।

उल्लेखनीय कि देश के कई अस्पतालों में पिछले दिनों आग लगने की घटनाएं हुई और नवजात बच्चों की मौत हुई। इसके बावजूद भीलवाड़ा के कई अस्पतालों में आग लगने की स्थिति पर काबू पाने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हुए हैं और नहीं फायर एनओ सी ली गई है।

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