भगवान प्राप्ति के लिए नवदा भक्ति श्रेष्ठ -आचार्य शक्ति सिंह महाराज

Update: 2024-06-24 11:14 GMT

भीलवाड़ा। शिवाजी गार्डन में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के षष्ठम दिवस की कथा में आचार्य शक्ति देव महाराज ने रास कथा श्रवण कराई। महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने जो रासलीला करी वह काम पर विजय प्राप्त करने की लीला है रास का प्रसंग कोई साधारण प्रसंग नहीं है। इसके लिए हृदय में भक्ति होनी चाहिए भक्ति नौ प्रकार की होती है। जिसे नवधा भक्ति कहते हैं। जो व्यक्ति इस नवधा भक्ति को अपने जीवन में धारण करता है उसे ही भगवान मिलते हैं यह जो नवधा भक्ति है इससे पूर्व में किस-किस ने भगवान को पाया।

मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराज ने उद्धव चरित्र श्रवण कराया उद्धव जो बहुत बड़े ज्ञानी थे लेकिन जब यह वृंदावन गए वृंदावन में गोपियों ने उद्धव जी को भ्रमर गीत के माध्यम से प्रेम भक्ति का उपदेश दिया है क्योंकि बिना भक्ति के ज्ञान भी पूर्ण नहीं होता है कथा में आज कृष्ण रुक्मण की शादी का प्रसंग भी रहा क्षेत्र की महिलाएं कृष्ण रुक्मण भी बनकर कथा में आए।

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