वृद्धाश्रम ने की मेडिकल कॉलेज को देहदान

Update: 2024-06-26 11:33 GMT

भीलवाड़ा। हरनी महादेव मंगरोप रोड स्थित ओम शांति सेवा संस्थान वृद्धाश्रम ने हाल ही में मृत विगत 8वर्षो से आश्रम मे निवासरत बसंती लाल हिरण (गंगापुर वाले) के शरीर को भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को दान करने की सुविधा प्रदान की है। मृतक और उनके परिवार के सदस्यों (बेटो एवं बेटियों ) की पूर्ण सहमति से यह दान किया गया।

दान करने का निर्णय मृत हुए बसंती लाल हिरण द्वारा उनके निधन से पहले किया गया था, जिसमें चिकित्सा ज्ञान की बेहतरी और भविष्य के डॉक्टरों के प्रशिक्षण में योगदान करने की गहरी इच्छा व्यक्त की गई थी। यह सहमति वृद्धाश्रम के ट्रस्टियों और मेडिकल कॉलेज के सम्मानित डॉक्टरों की उपस्थिति में दी गई।

वृद्धाश्रम के संस्थापक सदस्य राकेश काबरा ने कहा की हम अपने निवासियों की इच्छाओं को पूरा करने और मेडिकल छात्रों और शोधकर्ताओं के अमूल्य काम का समर्थन करने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह दान हमारे निवासियों और उनके परिवार की निस्वार्थ भावना का एक प्रमाण है, और हमें उम्मीद है कि यह दूसरों को भी इसी तरह के योगदान पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।

दान प्रक्रिया अत्यंत सम्मान और कानूनी और नैतिक मानकों के पालन के साथ की गई। मृतक और उनके परिवार के सदस्यों की लिखित सहमति सहित सभी आवश्यक दस्तावेज सावधानीपूर्वक तैयार और सत्यापित किए गए थे। फिर निकाय को सम्मानपूर्वक भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इसका उपयोग मेडिकल छात्रों की शिक्षा को बढ़ाने और चल रही अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए किया जाएगा।

भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर वर्षा सिंह एवं प्रतिनिधि डॉ. चेतन सामरा ने इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभार व्यक्त किया और कहा की चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए शरीर दान महत्वपूर्ण है। वे हमारे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और मानव शरीर रचना विज्ञान की उनकी समझ को गहरा करने की अनुमति देते हैं, जो सक्षम और दयालु डॉक्टरों के रूप में उनके विकास के लिए आवश्यक है। कार्य में डॉक्टर अरुण गौड़ का भी पूर्ण सहयोग रहा।

ओम शांति सेवा संस्थान वृद्धाश्रम के अध्यक्ष सत्यनारायण मुंन्दड़ा, सचिव सुभाष चौधरी, राजकुमार बूँलिया, शांतिलाल बाबेल, पंकज सूर्या, राधेश्याम सोमानी, नरेश सोमानी, दिनेश अजमेरा, सुरेंद्र सांखला, नवीन काकानी आदि ट्रस्टी के साथ वृद्धाश्रम के मैनेजर रामस्वरूप डाड, अनमोल एवं वहां निवासरत कई वृद्धजन हैंडओवर के दौरान उपस्थित थे और यह सुनिश्चित कर रहे थे कि यह प्रक्रिया मृतक और उनके परिवार की इच्छाओं का सम्मान करती है।

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