यूआईटी-हाउसिंग बोर्ड के अधिकार छीने, ट्रांसफर-टेंडर की फाइलें यूडीएच मंत्री के पास जाएगी

Update: 2024-07-25 10:21 GMT

भीलवाड़ा। नगर विकास न्यास में जमीन के बदले मुआवजे में जमीन देने के करोड़ों रुपए के घोटाले के उजागर होने के बाद राज्‍य सरकार सख्त हो गई है। भीलवाड़ा सहित सभी नगर विकास न्यास, विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड, रेरा के अधिकार छीन लिए गए हैं। इन निकायों में होने वाले ट्रांसफर और टेंडर समेत दूसरे काम के लिए अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की स्वीकृति लेनी होगी। यानि‍ इन लोकल बॉडी में कोई भी काम नगरीय विकास मंत्री की स्वीकृति के बिना नहीं होगा।

भीलवाड़ा यूआईटी तो लंबे समय से सुर्खियों में हैं। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की ओर से इसके आदेश जारी किए गए। अब यूआईटी, विकास प्राधिकरण एवं हाउसिंग बोर्ड में से किसी भी विभाग में अगर 20 लाख रुपए से ज्‍यादा का फर्नीचर भी खरीदा जाएगा तो उसके लिए मंत्री के स्तर पर फाइल भेजनी पड़ेगी। इन आदेशों को लेकर चर्चा होने लगी है। ऐसे माना जा रहा है कि मंत्री टॉप टू बॉटम कंट्रोल अपने पास रखना चाहते हैं। खर्रा के इन आदेशों के बाद कई मायने निकाले जा रहे हैं। इन आदेश से साफ है कि इनके अधिकारियों को कंट्रोल में लिया जा रहा है।

आदेश के अनु़सार, इन सभी निकाय में हर स्तर के अधिकारी से लेकर कर्मचारी के ट्रांसफर के लिए भी मंत्री से स्वीकृति लेनी होगी। अब तक संबंधित अधिकारी के प्रस्ताव पर प्रमुख शासन सचिव को ट्रांसफर का अधिकार था। अब शासन सचिव से भी ये अधिकार छीन लिए गए हैं। अब यूआईटी, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड और रेरा में ट्रांसफर की फाइल भी मंत्री को भेजनी होगी। मंत्री के स्तर पर अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद ही ट्रांसफर होगा। इतना ही नहीं हाउसिंग बोर्ड व अन्य यूआईटी, विकास प्राधिकरण में अगर कोई दूसरे विभाग से अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर आता है या जो वर्तमान में कार्य कर रहा है उसकी समयावधि बढ़ानी है तो उसके लिए भी मंत्री के स्तर पर मंजूरी लेनी होगी। हाउसिंग बोर्ड का पूरा नियंत्रण मंत्री के पास आ गया है। यहां छोटे से छोटे काम के लिएमंत्री से अनुमति लेनी होगी। 

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