रामलीला का मंचन: राम ने धनुष तोड़ा, सीता ने राम को पहनाई वरमाला,-दूधाधारी मंदिर से धूमधाम से निकली भगवान राम की बारात

Update: 2024-10-08 11:09 GMT

भीलवाड़ा । श्री रामलीला कमेटी की ओर से आजाद चौक में रामलीला मंचन के पांचवे दिन भगवान श्री राम के धनुष को तोड़ने के बाद सीता ने राम को वरमाला पहनाई। स्थानीय कलाकारों ने इसके अलावा विश्वामित्र द्वारा लक्ष्मण को शांत करना, विश्वामित्र का राम को धनुष पर प्रचंड चढ़ाने के लिए आज्ञा देना, राम द्वारा धनुष को खंडित करना, सीता का राम को वरमाला पहनाना, धनुष खंडित होते ही परशुराम का तपस्या में लीन हो जाना, अनहोनी की घटना पर जनक दरबार में पहुंचना, धनुष के खंडित होने पर क्रोधित होना, लक्ष्मण परशुराम संवाद, राम परशुराम संवाद, पृथ्वी पर भगवान श्री राम के रूप में भगवान विष्णु का अवतरित होना, परशुराम द्वारा भगवान राम से क्षमा मांगना, जनकपुर से अयोध्या में राजा दशरथ को बारात सहित निमंत्रण देना, आदि प्रसंगों का स्थानीय कलाकारों की टीम ने बेहतरीन मंचन किया।



 


कमेटी सचिव लादु लाल भांड ने बताया कि मंगलवार शाम भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, राजा दशरथ, गुरुदेव वशिष्ठ और संपूर्ण अयोध्यावासियों ने घोड़े रथ , बैंड बाजो के साथ भगवान श्रीराम की बारात धूमधाम से निकाली । बारात (अयोध्या) दूधाधारी मंदिर से (जनकपुरपूरी) आजाद चौक पहुंची । भगवान श्रीराम की बारात में शहर के धर्म प्रेमी बंधु शामिल हुए । जगह-जगह बारात का पुष्प माला व आरती के साथ स्वागत किया गया । कई जगह आतिशबाजी भी हुई। कमेटी के अध्यक्ष पंडित गोविन्द व्यास ने बताया कि आरती में अतिथि के रूप में अहिंसा भवन अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, मंत्री दिनेश मेहता, सुशील चपलोत, सहमंत्री हुक्मीचंद खटोड़, धर्मीचंद बाफना, किरण देवी बाफना, आशा खटोड़, पंडित राजेंद्र व्यास, अशोक पोखरना आदि शामिल हुए। मुख्य निदेशक नंदकिशोर जीनगर, कार्यकारी अध्यक्ष रामगोपाल सोनी, वरिष्ठ निर्देशक भैरूलाल सेन, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष अलका त्रिपाठी, मंजू पाराशर ने अतिथियों का स्वागत किया। आगामी मंचन में राम-सीता विवाह, मंथरा-कैकेयी संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद, केवट प्रसंग, सीता हरण, बाली वध, रावण सीता संवाद, हनुमान रावण संवाद, रामेश्वरम स्थापना, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण मूर्छा, कुंभकरण-मेघनाथ युद्ध, अहिरावण वघ, रावण वध, भगवान श्री राम का राज्याभिषेक आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। 

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