भाविप मध्य प्रांत ने शाखाओं को बताया ऐसे मनाये संस्कृति सप्ताह

Update: 2024-11-26 07:36 GMT

भीलवाड़ा । भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत ने सभी शाखाओं को संस्कृति सप्ताह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर मनाने के निर्देश दिए है। संस्कृति सप्ताह संयोजक अमृता उपाध्याय व सहसंयोजक आभा बेली ने बताया कि संस्कृति सप्ताह में प्राथमिक या उच्च प्राथमिक सरकारी विद्यालय में जाकर पारम्परिक / महापुरुषों पर विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता देशभक्ति / लोक गीत प्रतियोगिता, राष्ट्रगीत/राष्ट्रगान गायन प्रतियोगिता, हनुमान चालीसा या अन्य मंत्रों के पठन की प्रतियोगिता, महापुरुषों की जीवनी / संस्मरण की प्रतियोगिता, महाभारत / रामायण के प्रसंगों पर नाटिका प्रश्नोत्तरी (देश की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित।

इसके अलावा पिछड़ी बस्तियों में उपरोक्त के अतिरिक्त पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ पारम्परिक भजन, हनुमान चालीसा का पठन, शादी, रातीजगा या अन्य मौकों पर गाए जाने वाले पारम्परिक गीत (गैर फिल्मी धुन के) का प्रशिक्षण, पारम्परिक व्यंजन जो त्यौहार या विशिष्ट मौकों पर बनाए जाते है का प्रशिक्षण पारम्परिक कलाएं जैसे (माँडना) का प्रशिक्षण, पारम्परिक भजनों (गैर फिल्मी) का प्रशिक्षण, पारम्परिक नृत्य/वाद्ययंत्र का प्रशिक्षण (vi) पारम्परिक तरीके से त्यौहार मनाना, विद्यालयों मे में जाकर हमारे रीति रिवाजों की वैज्ञानिकता को समझानाशाखा में हमारे रीति-रिवाज और विज्ञान पर सेमिनार या कार्यशाला का आयोजन करने के निर्देश दिए गए। संस्कृति सप्ताह के तहत प्रतिदिन किये जाने वाले कार्यक्रम हमें सेवा बस्तियों में ही मनाने का प्रयास करने का आग्रह किया गया। यह सप्ताह दिसम्बर 2024 से 15 जनवरी 2025 तक मना सकते है।

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