निंबार्क आश्रम में हुआ तुलसी पूजन: भारतीय संस्कृति का पावन उत्सव

By :  vijay
Update: 2024-12-25 12:40 GMT

भीलवाड़ा | गांधी नगर स्थित निंबार्क आश्रम में 10 बजे भव्य तुलसी पूजन समारोह का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम निंबार्क सेवा समिति द्वारा आयोजित किया गया, जिसके अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी हैं। आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में पर्यावरण और आध्यात्मिकता का संदेश देना और तुलसी पूजन के महत्व को उजागर करना था।

महंत मोहन शरण जी महाराज का संदेश: तुलसी पूजन का महत्व

महंत मोहन शरण जी महाराज ने तुलसी पूजन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा:

> "तुलसी न केवल एक पौधा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का आधार और प्रकृति से जुड़ने का सेतु है। तुलसी हमारे शास्त्रों में 'वृंदा' के रूप में पूजनीय है और इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। हर घर में तुलसी का होना शांति, समृद्धि और आरोग्य का प्रतीक है। आज के समय में जब प्रकृति से दूरी बढ़ रही है, तुलसी पूजन के माध्यम से हम अपने बच्चों और समाज को प्रकृति और संस्कृति से जोड़ सकते हैं।"

समिति का उद्देश्य

निंबार्क सेवा समिति के अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी ने तुलसी पूजन के मुख्य उद्देश्य को रेखांकित करते हुए कहा:

> "तुलसी पूजन भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम लोगों को तुलसी के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभों से अवगत कराना चाहते हैं। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि पर्यावरण और मानव जीवन को भी शुद्ध करने का माध्यम है।"

तुलसी का महत्व: धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

धार्मिक महत्व

तुलसी को सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है। तुलसी के बिना किसी भी पूजा को अधूरा माना जाता है। इसे घर में लगाने और इसकी पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

तुलसी के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। यह वायु को शुद्ध करती है और तनाव को कम करने में मदद करती है। तुलसी का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

महिलाओं और बच्चों की विशेष भागीदारी

इस आयोजन में महिलाओं और बच्चों की विशेष भागीदारी रही, ताकि वे भारतीय संस्कृति को आत्मसात कर सकें।

समाज को संदेश

महंत मोहन शरण जी महाराज और राधेश्याम सोमानी ने सभी से अपील की कि वे इस पावन आयोजन में भाग लेकर धर्म और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। प्रचार-प्रसार मंत्री पंकज अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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