हाये रे महंगाई,: बारिश बनी खाने की थाली की बरन,कौन सी सब्जी खाएं': दोगुना हुआ टमाटर, तो मिर्च भी हुई तीखी; थाली में गायब हो रही हरी सब्जियों

Update: 2025-07-16 00:50 GMT

भीलवाड़ा हलचल।मानसून के दस्तक देते ही सब्जियों के भाव आमजन के पसीने छुड़ा रहे हैं। बारिश के कारण कम आपूर्ति के चलते सब्जियों के दामों में जोरदार उछाल आया है। महंगाई की मार से अछूते मध्यम वर्गीय परिवार के थाली से हरी सब्जियों का मात्रा कम होती जा रही है। लगभग सभी सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वहीं प्रदेश में कहर बन बस रही बरसात से सब्जियों के दाम में ओर उछल आने की संभावना बन रही हे।  सब्जियों के साथ ही अन्य फसलों के खराब से एंकर भी किया जा सकता।

बरसात की मार ने रसोई के बजट को बिगाड़ा

मिर्च 120 रूपये प्रति किलो, नींबू 80, करेला, तोरई, टमाटर और बैगन का भाव 60 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। परवल, लौकी, टिंडा, शिमला मिर्च, कुंद्रू, फूल गोभी, बंद गोभी, खीरा, भिंडी जैसी हरी सब्जियों के दाम भी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। महंगाई की इस मार ने रसोई के बजट को बिगाड़ दिया है।

कभी अमचूर, तो कभी बेसन की कढ़ी,आखिर बनाएं तो बनाएं क्या



गृहिणियां का कहना है कि सब्जी इतनी महंगी हो गई हैं कि समझ नहीं आ रहा है कि आखिर बनाएं तो बनाएं क्या। महिलाएं अब महंगी सब्जियों के विकल्प तलाश रही हैं। कभी इमली, कभी अमचूर, तो कभी बेसन की कढ़ी पका बना कर बचत के साथ थाली परोस रही हैं।

बरसात से  चढ़े सब्जियों  के दाम

स्वाद के साथ-साथ बजट में संतुलन बनाना फिलहाल मध्यम वर्गीय परिवार के लिए चुनौती बना हुआ है। जब तक मौसम और आपूर्ति की स्थिति नहीं सुधरती, तब तक थाली से कुछ पसंदीदा सब्जियां गायब रहने वाली हैं। सब्जी मंडी के विक्रेताओं का कहना है कि बरसात ने सब्जियों की फसल पर बुरा असर डाला है। सब्जी विक्रेता मथुरालाल माली ने बताया कि बारिश के कारण सब्जी से लदे वाहनों को पहुंचने में ज्यादा समय लग रहा है। आपूर्ति में हो रही परेशानी के कारण पिछले एक महीने की तुलना में सब्जियों के भाव चढ़ गए हैं। इसलिए दो-तीन दिनोंंं से हो रही  बरसात के चलत दाम और चढ़ने की संभावना है।

ये सब्जियां दे रहीं राहत



आलू, प्याज, लौकी जैसी सब्जियों के दाम अब भी अपेक्षाकृत सामान्य बने हुए हैं, जो लोगों को थोड़ी राहत दे रहे हैं।

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