भीलवाड़ा में एड्स पर काबू की कोशिशें जारी, लेकिन बच्चों में संक्रमण बन रहा गहरी चिंता का कारण

Update: 2025-12-01 01:47 GMT


भीलवाड़ा। विश्व एड्स दिवस पर चिकित्सा विभाग द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट जिले में एचआईवी संक्रमण की दोहरी तस्वीर पेश करती है—एक तरफ नए मामलों में लगातार गिरावट राहत देती है, वहीं संक्रमण का बच्चों तक पहुंचना चिंता को गहरा करता है।

पिछले 14 वर्षों में जिले में 6220 एचआईवी मरीज रजिस्टर्ड हुए। इनमें 421 बच्चे शामिल हैं—248 बालक और 173 बालिकाएं। विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चों में मिले अधिकांश मामले मां-से-बच्चे में संक्रमण और परिवारों की समय पर जांच न करवाने की वजह से सामने आते हैं। यह आंकड़ा साफ संकेत देता है कि संक्रमण की चपेट अब अगली पीढ़ी तक जा चुकी है।

हालांकि, राहत की बात यह है कि नए मामलों में तेज गिरावट दर्ज हुई है। 2011 में जहां 732 नए मरीज मिले थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर सिर्फ 176 रह गई। स्वास्थ्य विभाग इसे जागरूकता, समय पर जांच और उपचार उपलब्धता का परिणाम मानता है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं—“संक्रमण कम हुआ है, खत्म नहीं।”

इस बीच महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच के आंकड़े भी चिंता बढ़ाते हैं। अब तक 1052 महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 67 संदिग्ध पाई गईं। इन्हें आगे जांच के लिए भेजा गया, और 4 महिलाओं में कैंसर की पुष्टि हुई है।

एक्सपर्ट्स की सलाह:

गर्भवती महिलाओं की समय पर HIV जांच अनिवार्य

बच्चों में संक्रमण रोकने के लिए ‘मदर-टू-चाइल्ड प्रिवेंशन प्रोटोकॉल’ का पालन

जोखिम वाले समूहों में नियमित स्क्रीनिंग

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं में समय-समय पर जांच

भीलवाड़ा में स्वास्थ्य व्यवस्था के सामने चुनौती दोहरी है—मौजूदा संक्रमण पर काबू और अगली पीढ़ी को इससे सुरक्षित रखना।

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