बिजौलिया के सतकुडीया में श्मशान भूमि दर्ज कराने और अवैध खनन रोकने की मांग, ग्रामीणों का प्रदर्शन

Update: 2025-12-22 13:50 GMT



भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया क्षेत्र के ग्राम सतकुडीया में श्मशान भूमि को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने और जमीन पर हो रहे अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में वर्षों से श्मशान भूमि मौजूद है, जिसका उपयोग पीढ़ियों से अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है, लेकिन आज तक इसे विधिवत रूप से श्मशान के नाम पर आवंटित कर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में पहले भी कई बार प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसका फायदा उठाकर कुछ रसूखदार लोगों द्वारा श्मशान भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि श्मशान के कुछ हिस्से में गैरकानूनी तरीके से सैंड स्टोन का खनन भी किया जा रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार अवैध खनन से जहां एक ओर राज्य सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो सकता है, वहीं दूसरी ओर गांव के ऐतिहासिक श्मशान का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि श्मशान भूमि के पास स्थित एक लीज एग्रीमेंट वाली खान को बिजली आपूर्ति देने के लिए बिजली विभाग ने नियमों की अनदेखी करते हुए श्मशान परिसर में जबरन और अनाधिकृत रूप से ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते श्मशान भूमि को विधिवत रूप से श्मशान के नाम पर आवंटित कर रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया, तो भूमाफियाओं द्वारा पूरी भूमि पर कब्जा कर लिया जाएगा और अवैध खनन के चलते श्मशान का नामोनिशान तक मिट सकता है।

प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि श्मशान भूमि को तत्काल श्मशान के नाम पर आवंटित कर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए। साथ ही अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाई जाए, श्मशान परिसर में लगाए गए अवैध ट्रांसफार्मर को हटाया जाए और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

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