महापौर ने 11 पत्रकारों के भूखण्डों का मामला उठाया, प्रभारी मंत्री बाघमार के सामने की हस्तक्षेप की मांग
भीलवाड़ा । भजनलाल सरकार के एक साल की उपलब्धियों की प्रेस वार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री डॉ. मंजू बाघमार के सामने 11 पत्रकारों के भूखण्ड विवाद का मामला छाया रहा। नगर निगम महापौर राकेश पाठक ने प्रभारी मंत्री का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित किया। महापौर पाठक ने कहा कि 11 ही पत्रकार श्रमजीवी है जिनके भूखण्ड नगर विकास न्यास द्वारा आवंटित भूखण्डों पर ऑडिट पैरे के चलते आज 18 साल बाद भी उन्हें भूखण्ड नहीं मिल पाये है। 18 साल से शहर के जमीन से जुड़े 11 पत्रकार भीलवाड़ा से लेकर जयपुर तक संघर्ष कर रहे है। कई सरकारें बदल चुकी है और हर सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
महापौर पाठक ने प्रभारी मंत्री डॉ.मंजू बाघमार से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मामले में दोबारा हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस ऑडिट पैरे से अटके हुए भूखण्डों के मामलों का निस्तारण जल्द ही करायें। इसी मुद्दे को पत्रकार नवीन जोशी ने भी उठाते हुए मामले की जानकारी दी और कहा कि 18 साल पहले आवंटित भूखण्डों का न्यास पट्टा जारी कर चुका है, उनकी रजिस्ट्री व लीज मुक्ति हो चुकी है लेकिन कुछ लोगों की कारस्तानी के चलते जमीन से जुड़े पत्रकारों के भूखण्डों के ऑडिट पैरे बनवा दिए गए जबकि इन्हीं पत्रकारों के साथ ऐसे पत्रकारों को भी भूखण्ड मिले है जिनका पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
इसी चर्चा के दौरान जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि शहर में भूखण्डों से वंचित रहे पत्रकारों के लिए आटूण में जमीन रिजर्व की गई है जहां जल्द ही नई कॉलोनी बसाई जाएगी, इसकी जानकारी दी।
इस मामले को लेकर तत्कालीन विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, भाजपा नेता राकेश पाठक, पत्रकार प्रमोद तिवारी, राजकुमार माली के साथ ही अन्य ने भी जयपुर में जनलेखा समिति के समक्ष मामला उठाया था और ऑडिट पैरे का यह मामला काफी हद तक हल भी हो गया लेकिन अन्तिम फैसला अब भी अटका हुआ है।